rashifal-2026

गणेश चतुर्थी पर करें दुर्लभ वनस्पति श्वेतार्क की पूजा, देखें चमत्कार

पं. हेमन्त रिछारिया
वनस्पति तन्त्र में कई ऐसी दुर्लभ वनस्पति एवं वृक्ष हैं जिनमें हमारे देवी-देवताओं का प्रत्यक्ष स्वरूप माना गया है। श्वेतार्क मदार अर्थात् सफ़ेद अकाव ऐसा ही एक वृक्ष जिसके मूल में गणेश जी का प्रत्यक्ष स्वरूप होता है। गणेश चतुर्थी के दिन इस मूल की वैदिक पूजा करने से गणेश जी की कृपा सदैव बनी रहती है एवं जीवन में आने वाले विघ्नों का शमन होता है। 

ALSO READ: क्या मार्गी शनि में गणेश स्थापना शुभ है?
 
क्या करें-
 
गणेश चतुर्थी के दिन किसी स्वच्छ स्थान पर लगे श्वेतार्क मदार के मूल (तना) को स्नान करा उस पर सिन्दूर का लेपन करें। सिन्दूर लेपन करने के उपरान्त इस मूल की पंचोपचार पूजा करें। तत्पश्चात् श्वेतार्क मूल का दूध से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें। अभिषेक के पश्चात् ॐ गँ गणपतये नम: से 1 या 11 माला जप करें। जप पूर्ण होने के उपरान्त हवन कर प्रणाम करें। हो सके तो गणेश जी का स्वरूप उकेरें। 
 
श्वेतार्क मदार की जड़ 
 
जो व्यक्ति शत्रु बाधा से मुक्ति पाना चाहते हैं वे गणेश चतुर्थी वाले दिन श्वेतार्क मदार की छोटी सी जड़ शास्त्रोक्त रीति से निमंत्रित कर प्राप्त करें। श्वेतार्क मदार की जड़ उक्त विधि से पूजन कर उसे चांदी के लाकेट में रख कर गले में धारण करें। श्वेतार्क मदार की जड़ धारण करने वाले व्यक्ति को शत्रुपीड़ा से मुक्ति मिलती है।

ALSO READ: गणेशोत्सव 10 दिन के बजाय 11 दिन, 12 वें दिन बिदाई
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Surya gochar 2025:सूर्य का मकर राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

Budh Gochar 2025: बुध का धनु राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

नरेंद्र मोदी के बाद क्या अमित शाह संभालेंगे पीएम की कमान, क्या कहती है लाल किताब

Astrology Prediction: बांग्लादेश का भविष्य होगा 'गाजा' की तरह, संभलकर रहना होगा भारत को

मकर संक्रांति पर बन रहे हैं इस बार खास योग संयोग, 3 राशियों के खुल जाएंगे भाग्य

सभी देखें

धर्म संसार

30 December Birthday: आपको 30 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 30 दिसंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

पौस मास पुत्रदा एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं, क्या है इसका नियम, पारण और पूजा विधि

Kundali me dhan yog: कुंडली में धन है या नहीं, कैसे जानें?

Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने के हैं 4 फायदे

अगला लेख