ऑनलाइन 'गणेश पूजन' करें...

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गणेशजी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन मध्याह्न के समय हुआ था। इसलिए भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी ही गणेश चतुर्थी कहलाती है। श्री गणेश विघ्न विनाशक हैं। बुद्धि के देवता हैं। ऋद्धि तथा सिद्धि इनकी दो पत्नियां हैं। गणेशजी का वाहन चूहा तथा उनका सर्वप्रिय भोग मोदक (लड्डू) है।

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श्री गणेशजी को देव समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। गणेश चतुर्थी के इस पावन पर्व पर आप कर सकतें है ऑनलाइन 'गणेश पूजन।'

भगवान गणपति की आरती करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।

गणेश पूजन ऐसे करें :-

आरती करने हेतु निम्न निर्देशों का पालन करें :-

- पुष्प अर्पण करने हेतु 'पुष्प' पर क्लिक करें।
- फलों का प्रसाद अर्पण करने हेतु थाली में रखे फलों पर क्लिक करें।
- मिष्ठान का प्रसाद अर्पण करने हेतु थाली में रखे मिष्ठान पर क्लिक करें।
- घंटी बजाने के लिए 'घंटी' पर क्लिक करें।
- दीपक से आरती करने के लिए 'दीपक' पर क्लिक करें।
- आरती करने के लिए 'प्ले आरती' पर क्लिक करें।

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