गणेशजी भारी भरकम थे। वाहन भी चूहा व कार्तिकेय उत्तम वजन के थे और उनका वाहन मोर। स्वामी कार्तिकेय चल पडे़। गणेशजी सोचने लगे। गणेशजी ने सोचा माता-पिता ही जन्मदाता है तो सबसे महान वही हुए। उन्हीं के सात चक्कर लगा लिए और खडे़ हो गए।
कार्तिकेय भी आ पहुंचे। जब निर्णय की बारी आई तो भगवान आशुतोषजी ने कहा कि गणेश बुद्धिमान व श्रेष्ठ हैं, क्योंकि माता-पिता ही समस्त तीर्थों से बडे़ होते हैं।