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ganesh chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम एंकरिंग/मंच संचालन स्क्रिप्ट हिंदी में

WD Feature Desk
शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 (13:12 IST)
anchoring script for ganesh utsav: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह केवल धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी है, जिसमें भक्ति, संगीत, नृत्य और कला का संगम देखने को मिलता है। हर साल गणेश उत्सव के दौरान छोटे-बड़े मंचों पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में एंकरिंग की भूमिका बेहद अहम होती है क्योंकि मंच संचालन से ही पूरे माहौल की ऊर्जा बनी रहती है। अगर एंकर की भाषा प्रभावशाली, आकर्षक और जीवंत हो, तो श्रोता और दर्शक कार्यक्रम से गहराई से जुड़ जाते हैं। इसलिए यहां हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं एक विस्तृत और सरल भाषा में तैयार की गई गणेश चतुर्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम एंकरिंग स्क्रिप्ट।
 
भव्य शुरुआत का परिचय-
अपनी एंकरिंग की शुरुआत आप कोट्स के साथ या कविता की कुछ पंक्तियों से कर सकते हैं। जैसे:
 
भक्ति गणपति। शक्ति गणपति,
सिद्दी गणपति,
लक्ष्मी गणपति महा गणपति,
देवों में श्रेष्ठ मेरे गणपति।  
“देवियों और सज्जनों, आप सबका हार्दिक अभिनंदन है इस पावन अवसर पर। आज का दिन सिर्फ कोई साधारण दिन नहीं है, आज है विघ्नहर्ता श्री गणेश का आगमन। माना जाता है कि जब-जब गणपति बप्पा घर आते हैं, खुशियां, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रवाह अपने आप बढ़ जाता है। आइए, तालियों की गड़गड़ाहट से इस शुभ आरंभ का स्वागत करें और अपनी भावनाओं को जोड़ें भक्ति की इस अनोखी धारा से।”
 
गणेश वंदना का मंचन
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से करना अत्यंत शुभ माना जाता है। एंकर कह सकता है:
“दोस्तों, हर शुभ काम की शुरुआत श्री गणेश जी के आशीर्वाद से होती है। जब तक गणपति बप्पा का नाम न लिया जाए, तब तक किसी भी कार्य की पूर्णता संभव नहीं होती। तो आइए, सबसे पहले गणेश वंदना के माध्यम से अपने इस कार्यक्रम की पवित्र शुरुआत करें। मंच पर आमंत्रित करते हैं हमारे प्रतिभागियों को, जो अपने मधुर स्वर और भावनाओं से बप्पा का आह्वान करेंगे।”
 
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का स्वागत
एंकर को प्रत्येक प्रस्तुति से पहले दर्शकों का ध्यान आकर्षित करना चाहिए:
“अब बारी है एक रंगारंग नृत्य प्रस्तुति की, जिसमें आप देखेंगे भारतीय संस्कृति की झलक। संगीत, भाव और ताल का यह संगम आपके दिल को छू जाएगा। तो जोरदार तालियों से स्वागत करें हमारे अगले कलाकारों का।”
 
दर्शकों से जुड़ाव
एंकरिंग केवल कार्यक्रम चलाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मंच और दर्शकों को एक भावनात्मक धागे से जोड़ने का जरिया है। जैसे कि कहा जा सकता है:
“दोस्तों, गणेश चतुर्थी केवल पूजा और भक्ति का ही नहीं बल्कि मेल-मिलाप और एकता का भी पर्व है। जब हम सब मिलकर इन कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं, तो हमारी सांस्कृतिक धरोहर और भी मजबूत होती है। तो आइए, मिलकर इस उत्सव की महफिल को और रोशन करें।”
 
कविता/शायरी का उपयोग
एंकर अपनी एंकरिंग को और आकर्षक बनाने के लिए बीच-बीच में छोटी-छोटी शायरी या दोहे भी जोड़ सकता है। जैसे:
“गणपति बप्पा का आशीर्वाद साथ हो,
हर कठिनाई का समाधान पास हो।
आएं मिलकर मनाएं यह पर्व निराला,
हर घर में खुशियों का उजियाला।”
 
नए कार्य की शुरुआत अच्छी हो,
हर मनोकामना सच्ची हो,
गणेश जी का मन में वास रहे,
गणेश चतुर्थी आप अपनों के पास रहे। 
 
गणेश जी का रूप निराला,
चेहरा भी कितना भोला-भाला,
जिस पर भी पड़ी कोई मुसीबत,
उसे इन्होंने ही संभाला।
 
एक दो तीन चार
गणपति जी की जय जयकार,
चार पांच छह सात
गणपति हैं सबके साथ। 
 
गणपति के नाम से विघ्न बाधा टल जाते हैं,
जो भी प्यार से पुकारे बप्पा उसी के हो जाते हैं।
 
विशेष अतिथियों का स्वागत
यदि कार्यक्रम में कोई विशेष अतिथि हों तो एंकर उनका सम्मान इस तरह कर सकता है:
“आज हमारे बीच ऐसे विशिष्ट अतिथि मौजूद हैं जिन्होंने समाज और संस्कृति के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आइए, हम उनका तहेदिल से स्वागत करें और उनका आभार व्यक्त करें कि उन्होंने अपनी उपस्थिति से हमारे इस समारोह की शोभा बढ़ाई।”
 
समापन की घोषणा
कार्यक्रम के अंत में एंकर को उत्सव की भावना को समेटते हुए समापन करना चाहिए। जैसे:
“प्रिय मित्रों, आज का यह सांस्कृतिक उत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक भावनात्मक यात्रा रहा। हमने नृत्य, गीत, कविता और कला के माध्यम से गणपति बप्पा को याद किया और अपनी संस्कृति की गहराई को महसूस किया। बप्पा से यही प्रार्थना है कि वे सबके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएँ। आइए, सभी मिलकर एक बार जोर से पुकारें, गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया!”
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