Biodata Maker

ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक श्रीगणेश उत्सव, जानें दस दिनों तक नैवेद्य चढ़ाने का महत्व

WD Feature Desk
मंगलवार, 26 अगस्त 2025 (15:10 IST)
Importance of Prasad: गणेश उत्सव में 10 दिनों तक भगवान गणेश को प्रसाद या नैवेद्य चढ़ाना सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है। यह कार्य हमारी भक्ति, कृतज्ञता और आस्था का प्रतीक है। यह त्योहार ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है।ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: इस मुहूर्त में, इस मंत्र और विधि से करें गणेश स्थापना तो होगा बहुत शुभ
 
जानें 10 दिनों तक प्रसाद चढ़ाने का महत्व: भगवान गणेश को 10 दिनों तक प्रसाद चढ़ाने का मुख्य कारण यह है कि माना जाता है कि इस अवधि के दौरान गणपति पृथ्वी पर अपने भक्तों के घरों में निवास करते हैं। जिस तरह एक मेहमान के आने पर हम हर दिन उसका सत्कार करते हैं, उसी प्रकार हम अपने प्रिय गणेश जी का भी दस दिनों तक विशेष आतिथ्य सत्कार करते हैं।
 
• आध्यात्मिक शुद्धि: प्रसाद बनाने की प्रक्रिया में मन की शुद्धता और भक्ति का भाव शामिल होता है। जब हम पवित्र मन से भोजन तैयार कर भगवान को अर्पित करते हैं, तो वह भोजन प्रसाद में बदल जाता है और उसमें दैवीय ऊर्जा का संचार होता है।
 
• इच्छा पूर्ति का विश्वास: ऐसी मान्यता है कि दस दिनों तक भगवान गणेश को उनके प्रिय पकवानों जैसे मोदक, लड्डू, पूरन पोली का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
 
• महाभारत से जुड़ाव: एक पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने महाभारत ग्रंथ को लगातार 10 दिनों तक बोला था और गणेश जी ने बिना रुके इसे लिखा था। इस दौरान उन्होंने न तो कुछ खाया था और न ही अपनी जगह से हिले थे। 10वें दिन लेखन समाप्त होने पर, उन्होंने अपने शरीर पर जमी धूल-मिट्टी को हटाने के लिए स्नान किया। इसी कथा से प्रेरित होकर 10 दिनों तक यह उत्सव मनाया जाता है, जिसमें हर दिन उन्हें ऊर्जा देने के लिए नए-नए पकवानों का भोग लगाया जाता है।
 
नैवेद्य का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व: श्रीगणेश को नैवेद्य चढ़ाने का अर्थ है समर्पण का भाव। यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे पास जो कुछ भी है, वह सब ईश्वर की ही कृपा है। भोजन ग्रहण करने से पहले इसे भगवान को अर्पित करना हमें विनम्र बनाता है और कृतज्ञता का भाव पैदा करता है।
 
• सकारात्मक ऊर्जा: पूजा के दौरान मंत्रों के जाप और शुद्ध मन से बने नैवेद्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने से भक्त के मन को शांति मिलती है।
 
• पोषण और स्वास्थ्य: गणेश जी को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद, जैसे मोदक और लड्डू, पारंपरिक रूप से गुड़, नारियल, घी और मेवों से बनता है। ये सभी सामग्रियां पौष्टिक होती हैं और उत्सव के दौरान शरीर को ऊर्जा देती हैं।
 
इस प्रकार, 10 दिनों तक प्रसाद चढ़ाना केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, श्रद्धा और आध्यात्मिक कल्याण को दर्शाने वाली एक संपूर्ण प्रक्रिया है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Ganesh Chaturthi 2025: श्री गणेश विसर्जन के पीछे की कहानी क्या है?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Gita Jayanti Wishes: गीता जयंती पर अपनों को भेजें ये 5 प्रेरणरदायी शुभकामना संदेश

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है, क्यों नहीं करते हैं इस दिन विवाह?

Sun Transit In Scorpio: सूर्य का वृश्‍चिक राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल और भविष्‍यफल

बुध का तुला राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसे मिलेगा लाभ किसको होगा नुकसान

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (23 नवंबर, 2025)

23 November Birthday: आपको 23 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 23 नवंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

November 2025 Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 24-30 नवंबर, इस सप्ताह किन राशियों को मिलेगी बड़ी सफलता, जानें अपना भाग्य

विवाह पंचमी 2025: क्यों है यह दिन शादी के लिए खास? जानें शुभ मुहूर्त और श्रीराम-जानकी की कृपा पाने के उपाय

अगला लेख