महिलाएं गणगौर तीज त्योहार मनाएं लेकिन जान लें 5 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी
पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाई जाती है। ये तिथि चैत्र मास की नवरात्र में आती है। इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं। गण का अर्थ शिव और गौर का अर्थ गौरी। यह पर्व राजस्थान और मध्यप्रदेश में ही ज्यादा प्रचलित है। इस बार गणगौर तीज 27 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी।
 
 
1. क्यों पूजते हैं गणगौर : इस दिन सुहागिनें देवी पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करके पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के साथ ही घर-परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।
 
 
2. व्रत रखने का महत्व : इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं और नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले मिट्टी की गौरी जिसे रेणुका कहते हैं, की स्थापना करती है एवं उनका पूजन करती हैं।
 
 
3. कब से प्रारंभ होती है पूजा : होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो कुमारी और विवाहित बालिकाएं, नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।
 
 
4. क्या है मान्यता : इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्रियों को सौभाग्य का वरदान दिया था। इसीलिए पौराणिक काल से ही इस व्रत पूजा का प्रचललन रहा है।
 
 
5.कैसे करते हैं पूजा : स्नान के बाद भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय स्वामी और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। दूध, दही, शहद, घी, शकर, ईत्र, चंदन और केसर भी अर्पित कर सकती हैं। इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं।
 
 
फिर भगवान शिव और माता पार्वती के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। मौसमी फलों का भोग लगाएं। आरती करें। आधी परिक्रमा करें। पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। पूजा के दौरान ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः मंत्र का जाप करते रहें।
 
 
अंत में हाथ जोड़कर भगवान माता पार्वती और शिवजी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। पूजा के बाद प्रसाद खुद भी ग्रहण करें और अन्य भक्तों को भी बाटें।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए खुशियों भरा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 23 मई का राशिफल

भगवान श्री बदरीनाथजी की आरती | Shri badrinath ji ki aarti

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

23 मई 2024 : आपका जन्मदिन

श्री बदरीनाथ की स्तुति | Badrinath ki stuti

अगला लेख