भरोसे की टूटन सचमुच बहुत बड़ी होती है। दौलतसिंह के दिल से भी वो कराह सुनाई दे ही गई। कहते हैं आम पार्टी (हाँ वो ही आप) ने तो भरोसा तोड़ दिया। ऐसा नहीं करना था। 28 सीट जीतना बहुत बड़ी बात होती है। बाकी पार्टियों को देखिए .... सालों लग जाते हैं। पर इन्होंने ठीक नहीं किया। लोकसभा के लालच में हमें छोड़ दिया।
मुझे लगता है कि ऐसी आवाज़ें और भी बहुत जगह से सुनाई दे रही हैं। एक बात स्पष्ट है कि थप्पड़ मारा जाना ग़लत है। ये भी पता नहीं कि ये साजिश है या नहीं। पर जो लोग अभी बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, उन्हें सावधान हो जाना चाहिए।