जनता सबसे ज्यादा त्रस्त सपा से ही है और सबसे ज्यादा मुश्किल में डालने वाले सवाल भी उन्हीं से पूछे जा रहे हैं। नवाब बुक्कल (वंशज आसिफुद्दोला) से पूछा जाता है कि आपके लकड़दादा, सकड़दादा ने लखनऊ के लिए इतना किया, रूमी दरवाजा तुड़वाकर बार-बार बनवाया, सपा क्या कर रही है? बुक्कल नवाब जवाब देते हैं कि देखिए दरवाजे का काम तो अभी भी चल रहा है (सपा वाले ताली बजाते हैं) अब एंकर जनता के बीच चला गया है। कांग्रेस प्रवक्ता अनौपचारिक रूप से पूछते हैं- ये काम तो पुरातत्व विभाग वाले करा रहे हैं, इसमें सपा कहां हैं? ''कोई भी करा रहा हो, काम हो तो रहा है ना'' बुक्कल नवाब धूर्ततापूर्वक मुस्कुरा के कहते हैं।
एक महिला खड़ी होकर कहती है कि जिन उम्मीदवारों को यहां आकर जनता से बात करने की फुरसत नहीं वो जीतने के बाद क्या...(तालियां)....। एक लड़का उठकर कहता है कि मैं बचपन से रंगकर्म से जुड़ा हूं, मुझे किसी ने नहीं पूछा। अब आम आदमी पार्टी में मेरी इज्जत...(एंकर उस लड़के के सामने से माइक कैमरा हटा लेता है, जाहिर है यह हिस्सा संपादित हो जाएगा।)। एक ने आप पार्टी को भगौड़ा कहा है।
भीड़ से ही दूसरा कहता है कि राजनाथ गाजियाबाद से यहां भागकर क्यों आया? बुक्कल नवाब को एक कमाल का सवाल सूझा है। वे कहते हैं जावेद जाफरी ने झूठा शपथ पत्र दिया है कि वे तीन महीने से यहां रह रहे हैं। जनता बताए कि क्या जावेद जाफरी वाकई तीन महीने से लखनऊ में हैं? भीड़ अब जावेद जाफरी के खिलाफ हो गई है। जावेद कहते हैं कि मैंने ऐसा कोई शपथ पत्र दिया ही नहीं। यह जरूर लिखा है कि मैं सात महीनों से यहां आना-जाना कर रहा हूं। एक ने सवाल किया कि आजम खान और अमित शाह जब बोलते हैं तो जहर ही क्यों उगलते हैं? अब इसका क्या जवाब होगा?
बहरहाल ऐसा ही भभ्बड़ देर तक मचा रहता है और एंकर ने अपना प्रोग्राम लपेट दिया है। लोग नाराज हैं कि उनका एक भी सवाल रेकार्ड नहीं हुआ है। एंकर को घेर लिया गया है। उम्मीदवार चले गए हैं, मगर एंकर लोगों के सवाल रेकार्ड कर रहा है। बेचारा क्या करे उसे सारा सामान हिफाज़त से स्टूडियो जो ले जाना है और खुद भी जाना है।