नागौर में कांग्रेस ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद वर्तमान सांसद ज्योति मिर्धा को फिर से मौका दिया है, भाजपा ने मुख्यमंत्री के नजदीकी सीआर चौधरी को प्रत्याक्षी बनाकर अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को नाराज ही किया है, परंतु दोनों दलों के असंतुष्टों मे मिलकर वसुंधरा राजे के घोर विरोधी हनुमान बेनीवाल को खड़ा कर के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
पड़ोसी जिले चुरू में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने नए चेहरों राहुल कस्वा और प्रताप पूनिया पर दांव लगाया है। दोनों युवा हैं और राजनीतिक परिवार से संबंधित हैं। राहुल के माता-पिता दोनों भाजपा की तरफ से सांसद और विधायक रहे हैं और पूनिया के चाचा हाल में भाजपा विधायक हैं। यहां बसपा ने एक सशक्त ब्राह्मण उम्मीदवार अभिनेष महर्षि को खड़ा किया है। महर्षि जाट वोटों के बंटवारे के बीच ब्राह्मण वोटों से अपनी नैया पार करने की सोच रहे हैं।
कोटा संसदीय क्षेत्र से भाजपा अपनी गत हार का बदला लेने के लिए कटिबद्ध है। इसलिए अबकी बार पार्टी ने अपने लोकप्रिय विधायक ओम बिड़ला को वर्तमान सांसद और कोटा राजघराने के इज्यराजसिंह के सामने उतारकर इसे राजा और रंक की लड़ाई बना दिया है। हालांकि यहां से मंगरोल नगरपालिका के अध्यक्ष और आप उम्मीदवार अशोक जैन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री पुत्र दुष्यंतसिंह के सामने कांग्रेस ने पिछले चुनाव की कांग्रेस प्रत्याशी की जगह उनके पति प्रमोद जैन भाया को टिकट दिया है, लेकिन यहां से दुष्यंत का वर्तमान सांसद होना और वसुंधरा पुत्र होना उनके पक्ष में जाएगा। साथ ही यहां से कांग्रेस को भी सफलता की उम्मीद कम ही है।
मारवाड़ की अधिकतर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। जोधपुर से राजघराने की बेटी और वर्तमान सांसद चंद्रेश कुमारी का मुक़ाबला भाजपा के नए चेहरे गजेंद्रसिंह शेखावत से हो रहा है। राजपूत वोटों के बंटवारे के कारण दोनों उम्मीदवार जाट और माली वोटों के भरोसे हैं।
पाली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने नए प्रत्याक्षी पीपी चौधरी और मुन्नी देवी गोदारा को उतारा है। वैसे भी पाली के मतदाता हवा से प्रभावित होने वाले मतदाता हैं, इसलिए भाजपा तथाकथित मोदी लहर के बूते सफल होने के सपने देख रही है।
मेवाड़ की तकरीबन सभी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुक़ाबला है। उदयपुर से वर्तमान सांसद रघुवीर मीणा का सामना भाजपा के अर्जुन मीणा से हो रहा है, वहीं चित्तौड़गढ़ से दोनों ब्राह्मण प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद गिरजा व्यास और भाजपा जिलाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश जोशी में सीधा मुक़ाबला है। बांसवाड़ा से पूर्व मंत्री महेंद्रजीत मालवीय की पत्नी रेशम मालवीय को कांग्रेस ने टिकट दिया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा से मानशंकर निनामा जो कि संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं, खड़े हुए हैं।
राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद गोपालसिंह शेखावत के सामने हरीओम राठौड़ भाजपा उम्मीदवार हैं। भीलवाड़ा से गुर्जर मतों के भरोसे कांग्रेस ने अशोक चांदना को खड़ा किया है, लेकिन पूर्व में सांसद रह चुके भाजपा के सुभाष बहेड़िया के पास वर्तमान सांसद सीपी जोशी का क्षेत्र छोड़ना एक बड़ा मुद्दा है।
गंगानगर सीट से निहाल चंद मेघवाल भाजपा के चर्चित चेहरे हैं जबकि चूरू जिले से विस्थापित किए गए मास्टर भंवरलाल का कांग्रेसी कार्यकर्ता ही बाहरी होने के कारण विरोध कर रहे हैं। वैसे तो मैदान में अन्य दल भी हैं परंतु उनका प्रभाव नगण्य है। बीकानेर संसदीय सीट से हालांकि कांग्रेस ने शंकर पन्नू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, परंतु उन्हें सभी कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिलना उनके लिए सरदर्द बना हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान सांसद अर्जुन मेघवाल का है, जिन्हें जिले के दिग्गज भाजपा नेता देवीसिंह भाटी का समर्थन नहीं मिलना उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है।