फिर चैनल वाला पूछता है कि नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी को छोड़ा इस बारे में...। उमा भारती कहती हैं कि इस सवाल का जवाब तो आपको नरेंद्र मोदी से ही लेना चाहिए। चैनल वाला अपनी लटकन-झटकन लपेटता है, तो उमा भारती कहती हैं वो नरेंद्र मोदी वाली बाइट मत दिखाना। चैनल वाला हंसकर कहता है- दीदी अपने को तो बस मुलायम से मतलब था...। कैमरे बंद हो जाने से उमा भारती कुछ सहज हुई हैं। मगर फिर भी सुनिश्चित करती हैं कि कैमरे बंद तो कर दिए हैं।
चैनल वाला भरोसा दिलाता है कि कैमरे बंद हैं। फिर उमा उसे बुला कर कहती हैं, मुलायम को तो ...पड़नी चाहिए। (उमा भारती ने जिस शब्द का उपयोग किया, उसका यहां उल्लेख करना उचित नहीं है) फिर खुद ही ठहाका लगाकर हंसती हैं। कार्यकर्ता भी हंसी में शामिल हैं। उमा भारती चैनल वाले से पूछती हैं- तुझे 'इस शब्द' का फुलफार्म तो पता है। चैनल वाला झेंपकर हां में जवाब देता है और मन ही मन सोचता है कि काश इसे मैं कवर कर पाता। इसी मौके पर अपनेराम फोटो खींचते हैं। उमा भारती अपनेराम को चुनाव आयोग का कारकून समझती हैं। काफिले में और गांव में सभा के दौरान वे अपनेराम की तरफ इशारा करके कहती हैं कि आजकल आयोग हर बात की खबर रखता है। चलो ऐसा ही सही... ।