सेना दिवस (भारत) : इन 15 बातों से जानिए थलसेना दिवस का महत्व

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Army Day

1. देश की सीमाओं की चौकसी करने वाली भारतीय सेना अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रतिवर्ष जनवरी में सेना दिवस मनाती है और इस दौरान अपने दम-खम का प्रदर्शन करने के साथ ही उस दिन को पूरी श्रद्धा से याद करती है, जब सेना की कमान पहली बार एक भारतीय के हाथ में आई थी।
 
2. सन् 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुंरत बाद भारतीय थलसेना की स्थापना हुई थी। थलसेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है। 
 
3. लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने 15 जनवरी के दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडिग इन चीफ के रूप में वर्ष 1948 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रैंसिस बुचर से पद भार संभाला था। इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने।
 
4. उन्हीं की याद में भारत में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। 
 
5. इस दिन की शुरुआत यहां इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ होती है।
 
6. इस मौके पर सेना के अत्याधुनिक हथियारों और साजो-सामान जैसे टैंक, मिसाइल, बख्तरबंद वाहन आदि प्रदर्शित किए जाते हैं।
 
7. इस दिन राजधानी दिल्ली और सेना के सभी छह कमान मुख्यालयों में परेड आयोजित की जाती है और सेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करती है। 
 
8. इस दिन सेना प्रमुख दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों और जंग के दौरान देश के लिए बलिदान करने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मैडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं।
 
9. परेड के दौरान सेना जंग का एक नमूना पेश करती है और इस दौरान अपने प्रतिक्रिया कौशल और रणनीति के बारे में बताती है। 
 
10. इस परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना तथा देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए  प्रेरित करना है।
 
11. भारतीय सेना अपने सेवानिवृत्त सैनिकों, वीर नारियों और विधवाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं भी चलाती है जिनमें पेंशन, बच्चों के लिए सैनिक स्कूल, सस्ती कीमत पर आवास, बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है।
 
12. भारतीय थलसेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। यह पूर्णतः स्वेच्छिक सेवा है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत थलसेना का नियंत्रण और संचालन का कार्य होता है। 
 
13. वर्तमान में थलसेना के प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे हैं। जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 को यह पद संभाला। भारत के थलसेनाध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) भारत की थलसेना के सेनापति होते हैं। 
 
14. भारतीय थलसेना में फील्ड मार्शल का पद उच्चतम माना जाता है। यह एक मानद पद है जो केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही इसकी अनुशंसा की जाती है। 
 
15. भारतीय सेना समय आने पर देश में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के वक्त भी अपनी जी जान लगाकर देशवासियों की रक्षा करने में जुट जाती है। 
 
सभी भारतीय सेना के वीर जवानों को थलसेना दिवस पर दिल से नमन। जय हिंद, जय हिंद की सेना!! 
 
संकलन- आरके. 
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