World Fisheries Day : विश्व मत्स्य दिवस, जानें 5 खास बातें और 2024 की थीम

WD Feature Desk
गुरुवार, 21 नवंबर 2024 (10:35 IST)
Highlights 
  • राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस कब मनाया जाता है?
  • विश्व भर में विश्व मत्स्य दिवस कब मनाया जाता है?
  • विश्व मत्स्य दिवस 2024 की खास बातें।
1. Today World Fisheries Day : प्रतिवर्ष दुनियाभर में 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस (WFD) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मत्स्य पालन, मछुआरों तथा मछली किसानों तथा पशुपालन के हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है। भारतीय शास्त्रों में विष्णु के अवतारों में मत्स्य अवतार का जिक्र भी मिलता है।
 
2. विश्व मत्स्य दिवस का शुभारंभ वर्ष 1997 में हुआ था। विश्व में मछली पकड़ने का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रशांत महासागर का उत्तर-पश्चिमी स्थान माना जाता है, जो उत्तर में बेरिंग सागर से दक्षिण में फिलिपिंस सागर तक फैला हुआ है। 
 
3. बता दें कि विश्व मत्स्य दिवस की तरह ही भारत में भी मत्स्य किसान दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसे वर्ष 2001 में, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मछली पालन दिवस के रूप में 10 जुलाई को नामित किया गया था। खेती के इस तरीके को 'मछली पालन' के नाम से जाना जाता है, जिसे एक्वाकल्चर, फिश फार्मिंग या मैरीकल्चर के नाम से भी जाना जाता है।प्रतिवर्ष 21 नवंबर को विश्व भर में मनाए जाने वाले विश्व मत्स्य दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनियाभार में मत्स्य पालन के स्थायी स्टॉक के महत्व को उजागर करना भी है।
 
4. समुद्री में दो प्रकार के जीव होते हैं, पौधे और प्राणी। जिसमें विशालकाय व्हेल से लेकर आंखों से दिखाई न देने वाली मछलियां और अन्य जीव अपना जीवन जीते हैं। समुद्र ही मुख्य रूप से मछली उपलब्ध कराता है, जो दुनियाभर के लोगों के लिए भोजन होता है, इनमें से कुछ को मछुआरों द्वारा पकड़ा जाता है। मत्स्य विकास और संरक्षण के तहत बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता है। 
 
5. मत्स्य कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत सरकार द्वारा मछुआरा क्रेडिट कार्ड योजना, मॉडल मछुआरा, ग्राम विकास योजना, मत्स्य पालन एक्सटेंशन, मत्स्याबीज उत्पादन, मछुआरा सहकारी समिति तथा मछलीघर और रिसर्च आदि विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही दुनियाभर में मत्स्य पालन को लेकर निरंतर गतिविधियां बढ़ रही है। साथ ही अप्रतिबंधित, अवैध और अनियमित मछली पकड़ने को खत्म करना भी है। समुद्री जीवों के संरक्षण तथा मनुष्यों द्वारा बर्बाद की जा रही समुद्री दुनिया के प्रति जागरूकता अभियान और प्रकृति को बचाने के लिए प्रेरित करना है। 
 
विश्व मत्स्य पालन दिवस 2024 की थीम : world fisheries day theme 2024 
 
बता दें कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा इस कड़ी के मद्देनजर इस बार 21 नवंबर को विश्व मत्स्य पालन दिवस की थीम 'भारत का नीला परिवर्तन: लघु-स्तरीय और टिकाऊ मत्स्य पालन को मजबूत करना' (India's Blue Transformation: Strengthening Small-Scale and Sustainable Fisheries) तय की गई है। जिसका उद्देश्य स्थायी मत्स्य पालन और जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल शुरू की जाएगी। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि में कम करना चाहते हैं वजन, तो भूलकर भी ना खाएं ये 6 चीजें

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले ये 7 सुपर फूड, सेहत को मिलते हैं अनगिनत फायदे

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

सीधे किडनी पर वार करता है क्रिएटिनिन, जानिए बॉडी में क्रिएटिनिन बढ़ने से क्या होता है?

चैत्र नवरात्रि में कौन सा रंग पहनें? जानें 9 दिन के 9 रंगों का शुभ महत्व

क्यों नहीं खाने चाहिए तुलसी के पत्ते चबाकर, जानिए क्या कहता है विज्ञान

रमजान के आखिरी जुमा मुबारक के साथ अपनों को दें ये खास संदेश

रोजाना एक कटोरी दही खाने के सेहत को मिलते हैं ये फायदे

अगला लेख