World Turtle Day 2023: कछुए के बारे में 10 तथ्य जानकर रह जाएंगे हैरान

जानिए World Turtle Day 2023 की थीम और इतिहास

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world turtle day 2023
आपने कछुए और खरगोश की कहानी तो सुनी ही होगी। इस कहानी में कछुआ विनर होता है और खरगोश लूज़र। दरअसल कछुआ हमारे इकोसिस्टम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी कारण से हर वर्ष 23 मई को वर्ल्ड टर्टल डे (world turtle day) मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत अमेरिकन टॉर्टोइस रेस्क्यू (American tortoise rescue) द्वारा की गई थी। चलिए जानते हैं इस दिवस से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में.......

क्या है वर्ल्ड टर्टल डे का इतिहास?
इस दिवस की शुरुआत 23 मई 2000 में एक नॉन-प्रॉफिट संस्था, अमेरिकन टॉर्टोइस रेस्क्यू (American tortoise rescue) द्वारा की गई थी। कैलिफ़ोर्निया के मालिबू शहर में रहने वाली सुसान टेलम ने इस दिवस को 'वर्ल्ड टर्टल डे' नाम दिया। साथ ही सुसान टेलम और मार्शल थॉम्पसन, अमेरिकन टॉर्टोइस रेस्क्यू के संस्थापक भी थे। इस दिवस को कई देशों में मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टर्टल डे?
इस दिवस की शुरुआत टर्टल लवर्स (turtle lovers)  के लिए की गई थी। साथ ही लोगों में कछुओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी इस दिन की शुरुआत की। कछुआ हमारी बायोडायवर्सिटी का एक एहम जीव है जो कई तरह के महत्वपूर्ण रोल निभाता है। बढ़ते क्लाइमेट चेंज के कारण कछुओं की प्रजाति कम होती जा रही है। इनकी प्रजाति के संरक्षण के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है।

क्या है वर्ल्ड टर्टल डे 2023 की थीम?
इस साल की थीम 'आई लव टर्टल' (I Love Turtle) निर्धारित की गई है। इस थीम का महत्व है कि कछुए 25-100 साल तक की उम्र जीते हैं जिसमें वो कई दुख और ख़ुशी देखते हैं। अक्सर लोग कुत्ते या बिल्ली ज़्यादा पसंद करते हैं पर कछुए की पर्सनालिटी भी इन्हीं की तरह होती है। कछुआ एक ऐसी प्रजाति है जिसने इस धरती पर 200 मिलियन साल से ज़्यादा जीवन जिया है पर अफ़सोस अब ये प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।

कछुए से जुड़े 10 रोचक तथ्य
1. कछुआ अपना घोसला रेत में गड्ढा कर बनाते हैं जिसमें एक घोसले में करीब 100-125 अंडे होते हैं। इनके अंडों के ग्रुप को क्लच(clutch) कहा जाता है।

2. कछुए का जेंडर रेत के तापमान पर निर्भर करता है। अगर तापमान कम हुआ तो मेल(male) बच्चा होता है और अगर तापमान गर्म हुआ तो फीमेल(female) बच्चा होता है।

3. दूसरे कछुए की तुलना में समुद्री कछुए अपने शैल(shell) के अंदर नहीं जा सकते हैं।

4. कछुए की प्रजाति डायनासौर के समय से मौजूद है यानि लगभग 200 मिलियन साल।

5. कछुए का शैल उसका स्केलेटन(skeleton) होता है जिसमें 50 हड्डियां होती हैं। इस स्केलेटन में रिब केज(rib cage) और स्पाइन(spine) भी मौजूद रहती है।

6. स्थल पर रहने वाला कछुआ बीटल(beetle), फल और घांस खाता है। समुद्री कछुआ, समुद्री घांस और जेलिफ़िश(jellyfish) खाता है।

7. विश्वभर में कछुए की करीब 356 प्रजातियां मौजूद हैं।

8. कछुए रोते भी हैं। कछुए की आंखों में से पानी आता है इसलिए नहीं कि वो उदास है बल्कि समुद्र के पानी में ज़्यादा नमक होने के कारण उनकी आंखों में से आंसू आते हैं।

9. कई देशों में सिर्फ कछुए को देखने के कारण काफी पर्यटन आते हैं।

10. समुद्री कछुए काफी समय तक पानी में रहते हैं और समुद्र के अंदर सो भी जाते हैं।
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