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गुड फ्राइडे को कैसे मिला ये नाम? क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास, जानिए ईसाई धर्म के लोग कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे

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Feature Desk

, गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 (17:06 IST)
good friday 2025: गुड फ्राइडे, ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। वास्तव में इसाई धारण के अनुसार यह शोक का दिन है। यह दिन प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की याद में मनाया जाता है। हर साल यह पर्व ईस्टर संडे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है। आइये आज हम आपको गुड फ्राइडे के बारे में विस्तार से बताते हैं:

क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?
गुड फ्राइडे मुख्य रूप से यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ने की घटना को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है। बाइबिल के अनुसार, यीशु को रोमन गवर्नर पोंटियस पिलातुस के आदेश पर सूली पर चढ़ाया गया था। उन पर राजद्रोह और ईश्वर-निंदा जैसे झूठे आरोप लगाए गए थे। गुड फ्राइडे उस बलिदान का प्रतीक है जो यीशु ने मानव जाति के पापों के प्रायश्चित के लिए दिया था। इस दिन को 'अच्छा' इसलिए कहा जाता है क्योंकि ईसाई मानते हैं कि यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के माध्यम से ही मानव जाति को पापों से मुक्ति और अनन्त जीवन की प्राप्ति हुई। यह भले ही दुखद घटना हो, लेकिन इसका परिणाम मानव जाति के लिए 'अच्छा' था।

गुड फ्राइडे का इतिहास और इससे जुड़ी मान्यताएं:
गुड फ्राइडे की ऐतिहासिक जड़ें पहली शताब्दी में यरूशलेम में घटित घटनाओं से जुड़ी हैं। यीशु मसीह, जिन्होंने प्रेम, करुणा और क्षमा का संदेश दिया, को तत्कालीन धार्मिक और राजनीतिक नेताओं द्वारा खतरा माना गया। उन्हें गिरफ्तार किया गया, उन पर मुकदमा चलाया गया और अंततः सूली पर चढ़ाने की सजा दी गई।

ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मान्यताएं हैं:
•          प्रायश्चित का दिन: यह दिन यीशु के उस बलिदान को याद दिलाता है जिसके द्वारा उन्होंने मानव जाति के पापों का प्रायश्चित किया। ईसाई मानते हैं कि यीशु ने स्वेच्छा से मानव जाति के पापों का बोझ अपने ऊपर लिया और क्रूस पर मृत्यु को स्वीकार किया।
•          प्रेम और बलिदान का प्रतीक: गुड फ्राइडे ईश्वर के मानव जाति के प्रति अगाध प्रेम और यीशु के निस्वार्थ बलिदान का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि दूसरों के लिए त्याग और बलिदान करना कितना महत्वपूर्ण है।
•          दुख और शोक का दिन: यह दिन यीशु के दुख, पीड़ा और मृत्यु को याद करने का दिन है। इसाई समुदाय इस दिन को गंभीरता और शोक के साथ मनाता है।
•          उम्मीद का संदेश: भले ही गुड फ्राइडे शोक का दिन है, लेकिन यह ईस्टर संडे के आगमन की उम्मीद भी जगाता है। यीशु का पुनरुत्थान मृत्यु पर जीवन की विजय और पाप पर क्षमा की विजय का प्रतीक है।

इसाई धर्म के लोग कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे?
दुनिया भर में ईसाई समुदाय गुड फ्राइडे को विभिन्न तरीकों से मनाता है। कुछ सामान्य प्रथाएं इस प्रकार हैं:
•          विशेष प्रार्थना सभाएं: इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं। इन सभाओं में यीशु के क्रूस पर चढ़ने की कहानी पढ़ी जाती है, विशेष भजन गाए जाते हैं और उपदेश दिए जाते हैं। कई चर्चों में 'क्रूस का रास्ता' (Way of the Cross) नामक एक विशेष प्रार्थना अनुष्ठान भी आयोजित किया जाता है, जिसमें यीशु के अंतिम दिनों की घटनाओं को याद किया जाता है।
•          उपवास और संयम: कई ईसाई गुड फ्राइडे के दिन उपवास रखते हैं या मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं। यह यीशु के बलिदान और पीड़ा के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है।
•          शोक और चिंतन: यह दिन व्यक्तिगत और सामूहिक शोक और चिंतन का दिन है। लोग यीशु के बलिदान और उसके महत्व पर मनन करते हैं।
संक्षेप में, गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में एक गहरा अर्थ रखने वाला दिन है। यह न केवल यीशु मसीह के बलिदान और मृत्यु की याद दिलाता है, बल्कि यह प्रेम, क्षमा और मुक्ति के संदेश को भी दर्शाता है। इस दिन ईसाई समुदाय शोक और प्रार्थना के माध्यम से यीशु के बलिदान को याद करता है और ईस्टर के आगमन की प्रतीक्षा करता है।

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