Select Your Language
हिन्दी
Hindi
English
English
தமிழ்
Tamil
मराठी
Marathi
తెలుగు
Telugu
മലയാളം
Malayalam
ಕನ್ನಡ
Kannada
ગુજરાતી
Gujarati
Notifications
Install App
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
जन्माष्टमी
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
काम की बात
श्रीराम शलाका
ज्योतिष 2025
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
जन्माष्टमी
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
काम की बात
श्रीराम शलाका
ज्योतिष 2025
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
नीरज
'कवि मंच अब कपि मंच बन गया है'
Advertiesment
अब तुम रूठो....
शनिवार, 19 अप्रैल 2008
अब तुम रूठो, रूठे सब संसार, मुझे परवाह नहीं है। दीप, स्वयं बन गया शलभ अब जलते-जलते,
किसलिए आऊं तुम्हारे द्वार ?
शनिवार, 19 अप्रैल 2008
जब तुम्हारी ही हृदय में याद हर दम, लोचनों में जब सदा बैठे स्वयं तुम,
तब मेरी पीड़ा अकुलाई!
तब मेरी पीड़ा अकुलाई! जग से निंदित और उपेक्षित, होकर अपनों से भी पीड़ित,
पिया दूर है न पास है
शनिवार, 19 अप्रैल 2008
ज़िन्दगी न तृप्ति है, न प्यास है क्योंकि पिया दूर है न पास है।
दिया जलता रहा....
शनिवार, 19 अप्रैल 2008
'जी उठे शायद शलभ इस आस में रातभर रो रो दिया जलता रहा।'
मुस्कुराकर चल मुसाफिर...
शनिवार, 19 अप्रैल 2008
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें? हौसला वह क...
दुश्मन को अपना हृदय जरा देकर देखो !
मुझे न करना याद तुम्हारा...
जगत सत्यं ब्रह्म मिथ्या
तुम्हारे बिना आरती का दीया यह
उनकी याद हमें आती है
सारा जग मधुबन लगता है
मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ
सारा जग बंजारा होता
विश्व चाहे या न चाहे
कितने दिन चलेगा?
दीया जलता रहा
तुमने कितनी निर्दयता की
तुम ही नहीं मिले जीवन में
Open App
X
होम
गणेशोत्सव
Shorts
फोटो
Reels