गुड़ी पड़वा : वर्ष भर की शुभता के लिए जानिए, क्या करें इस दिन

Webdunia
आचार्य गोविन्द बल्लभ जोशी 

वर्ष भर की शांति और शुभता के लिए आइए जानें क्या करें इस दिन 
 
गुड़ी पड़वा या नव संवत्सर के दिन प्रातः नित्य कर्म कर तेल का उबटन लगाकर स्नान आदि से शुद्ध एवं पवित्र होकर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल लेकर देश काल के उच्चारण के साथ सुख समृद्धि प्राप्त होती है।

* पूजन का शुभ संकल्प कर नई बनी हुई चौरस चौकी या बालू की वेदी पर स्वच्छ श्वेतवस्त्र बिछाकर उस पर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल कमल बनाकर उस पर ब्रह्माजी की सुवर्णमूर्ति स्थापित करें।

* गणेशाम्बिका पूजन के पश्चात्‌ 'ॐ ब्रह्मणे नमः' मंत्र से ब्रह्माजी का आवाहनादि षोडशोपचार पूजन करें।

* पूजन के अनंतर विघ्नों के नाश और वर्ष के कल्याण कारक तथा शुभ होने के लिए ब्रह्माजी से विनम्र प्रार्थना की जाती है : -
 
'भगवंस्त्वत्प्रसादेन वर्ष क्षेममिहास्तु में। संवत्सरोपसर्गा मे विलयं यान्त्वशेषतः।'
 
 
* पूजन के पश्चात विविध प्रकार के उत्तम और सात्विक पदार्थों से ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए।

* इस दिन पंचांग श्रवण किया जाता है।
 
* नवीन पंचांग से उस वर्ष के राजा, मंत्री, सेनाध्यक्ष आदि का तथा वर्ष का फल श्रवण करना चाहिए।

* सामर्थ्यानुसार पचांग दान करना चाहिए तथा प्याऊ की स्थापना करनी चाहिए।
 
* इस दिन नया वस्त्र धारण करना चाहिए तथा घर को ध्वज, पताका, बंधनवार आदि से सजाना चाहिए।

* गुड़ी पड़वा दिन नीम के कोमल पत्तों, पुष्पों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री और अजवाइन डालकर खाना चाहिए। इससे रुधिर विकार नहीं होता और आयोग्य की प्राप्ति होती है।

* इस दिन नवरात्रि के लिए घटस्थापना और तिलक व्रत भी किया जाता है। इस व्रत में यथासंभव नदी, सरोवर अथवा घर पर स्नान करके संवत्सर की मूर्ति बनाकर उसका 'चैत्राय नमः', 'वसंताय नमः' आदि नाम मंत्रों से पूजन करना चाहिए। इसके बाद पूजन अर्चन करना चाहिए।
 
विद्वानों तथा कलश स्थापना कर शक्ति आराधना का क्रम प्रारंभ कर नवमी को व्रत का पारायण कर शुभ कामनाओं के फल प्राप्ति हेतु मां जगदंबा से मन से प्रार्थना करनी चाहिए।

प्रतिपदा व्रत फल
 
* चिर सौभाग्य प्राप्त करने की कामना जिनके मन में हो, उन श्रद्धालुओं के लिए यह व्रत अति उत्तम है।
 
* इससे वैधव्य दोष नष्ट हो जाता है।

* यह व्रत करने से धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, व्यावहारिक आदि सभी काम बन जाते हैं।
 
* इससे वर्षपर्यंत घर में शांति बनी रहती है।
 
* इस व्रत के करने से दुःख-दरिद्र्‌य का नाश होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है। 

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

kuber yog: 12 साल बाद बना है कुबेर योग, 3 राशियों को मिलेगा छप्पर फाड़ के धन, सुखों में होगी वृद्धि