Gudi Padwa name in different states: गुड़ी पड़वा का त्योहार हर साल चैत्र नवरात्रि के प्रतिपदा के दिन से मनाया जाता है। वहीं, इस साल यह पर्व 30 मार्च, रविवार के दिन मनाया जाएगा। गुड़ी पड़वा से ही विक्रम संवत का नव वर्ष भी कहा जाता है। गुड़ी पड़वा का पर्व, आमतौर पर महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है।
यह सच है कि गुड़ी पड़वा मराठी समुदाय में बहुत उल्लास से मनाया जाता है लेकिन यह पर्वत देश के और भी हिस्सों में सेलिब्रेट किया जाता है। जी हां यह सच है गुड़ी पड़वा को देश के बाकी हिस्सों में दूसरे नाम से जाना जाता है। वहां भी इस नए साल की शुरुआत के रूप में उत्साह से मनाया जाता है। आइए आज इस आलेख में हम आपको बात की देश के अन्य राज्यों में गुड़ी पड़वा को किस नाम से जाना जाता है।
गुड़ी पड़वा को अन्य राज्यों में किस नाम से जाना जाता है?
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गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय के लोग इस त्योहार को संवत्सर पड़वा के नाम से जानते हैं।
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गुड़ी पड़वा का त्योहार गुजरात में नवरात्रि के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है।
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गुड़ी पड़वा को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में उगादी के नाम से जानते हैं।
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इस त्योहार का नाम कश्मीर में नवरेह से प्रसिद्ध है।
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मणिपुर में गुड़ी पड़वा को यहां साजिबू नोंगमा पानबा के रूप में मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा का त्योहार नए साल के शुभारंभ के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर लोग अपने घरों को साफ-सफाई करके रंगोली बनाते हैं। महाराष्ट्र में इस दिन घरों के बाहर गुड़ी लगाने की परंपरा हैं। गुड़ी पड़वा पर लोग नए साल की शुरुआत का जश्न मनाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने आज ही के दिन ब्रह्मांड की रचना की थी। इसलिए गुड़ी को ब्रह्मध्वज भी कहा जाता है। कुछ लोग छत्रपति शिवा जी की विजय को याद करते हुए भी घरों में गुड़ी लगाते हैं।
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