पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुड़े 9 मामले वापस लेगी गुजरात सरकार, हार्दिक पटेल ने किया स्वागत
विधायक हार्दिक पटेल ने दावा किया है कि इन अपराधों में उनके और अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के 2 मामले भी शामिल हैं। पटेल उस समय आरक्षण आंदोलन का चेहरा थे और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
Patidar reservation movement: गुजरात सरकार (Gujarat government) ने 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन (Gujarat government) के संबंध में दर्ज 9 मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। राज्य के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी (Harsh Sanghvi) ने शुक्रवार को यह बात कही।
मुख्यमंत्री 9 मामलों को वापस लेने का फैसला किया : पत्रकारों से बात करते हुए संघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुड़े 9 मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। इन मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र भी दाखिल कर दिए गए हैं।
गुजरात में बड़े पैमाने पर हुई थी हिंसा : 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद में पटेल समुदाय की बड़ी रैली के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद शहर की अपराध शाखा ने हार्दिक पटेल और उनके 3 सहयोगियों को गिरफ्तार किया था और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था।
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वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए और वीरमगाम सीट से निर्वाचित हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं भाजपा सरकार को मेरे और कई अन्य पाटीदार युवाओं के खिलाफ दर्ज राजद्रोह सहित मामलों को वापस लेने के लिए धन्यवाद देता हूं। इस फैसले से लगभग 30 से 35 युवाओं को फायदा होगा। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के पूर्व सदस्य दिनेश बांभणिया ने दावा किया कि इन 9 मामलों को वापस लेने के बाद भी करीब 50 मामले बचे रहेंगे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta