सर्वदोषों से मुक्ति दिलाएंगे गुरु पूर्णिमा के ये 5 खास मंत्र, जानिए दीक्षा प्राप्ति के 8 रहस्य

Webdunia
Guru Purnima Mantra
 
 
 
 
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा रविवार, 5 जुलाई 2020 को है। इसे व्यास पूजा के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो किसी भी तरह का ज्ञान देने वाला गुरु कहलाता है, लेकिन तंत्र-मंत्र-अध्यात्म का ज्ञान देने वाले सद्गुरु कहलाते हैं जिनकी प्राप्ति पिछले जन्मों के कर्मों से ही होती है।
 
दीक्षा प्राप्ति जीवन की आधारशिला है। इससे मनुष्य को दिव्यता तथा चैतन्यता प्राप्त होती है तथा वह अपने जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकता है। दीक्षा आत्मसंस्कार कराती है। दीक्षा प्राप्ति से शिष्य सर्वदोषों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। इसीलिए कहा गया है- 
 
'शीश कटाये गुरु मिले फिर भी सस्ता जान।' 
 
गुरु का महत्व यूं बतलाया गया है-
 
'गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा:/ 
गुरुर्सात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।'
 
दीक्षा के 8 रहस्य मुख्य रूप से हैं-
 
1. समय दीक्षा- साधना पथ की ओर अग्रसर करना, विचार शुद्ध करना इसमें आता है। 
 
2. ज्ञान दीक्षा- इसमें विचारों की शुद्धि की जाती है। 
 
3. मार्ग दीक्षा- इसमें बीज मंत्र दिया जाता है।
 
4. शांभवी दीक्षा- गुरु, शिष्य की रक्षा का भार स्वयं ले लेते हैं जिससे साधना में अवरोध न हो।
 
5. चक्र जागरण दीक्षा- मूलाधार चक्र जागृत किया जाता है। 
 
6. विद्या दीक्षा- इसमें शिष्य को विशेष ज्ञान तथा सिद्धियां प्रदान की जाती हैं। 
 
7. शिष्याभिषेक दीक्षा- इसमें तत्व, भोग, शांति निवृत्ति की पूर्णता कराई जाती है। 
 
8. पूर्णाभिषेक दीक्षा- इसमें गुरु अपनी सभी शक्तियां शिष्य को प्रदान करते हैं, जैसे स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद को दी थीं।
 
गुरु प्राप्ति इतनी सहज नहीं है। गुरु मंत्रों में से किसी एक का लगातार जप गुरु प्राप्ति करा सकता है, जो निम्नलिखित है-
 
पढ़ें गुरु मंत्र - 
 
1. ॐ गुरुभ्यों नम:।
 
2. ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
 
3. ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
 
4. ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
 
यदि गुरु प्राप्ति हो जाए तो उनसे श्री गुरु पादुका मंत्र लेने की यथाशक्ति कोशिश करें। यही वह मंत्र है जिससे पूर्णता प्राप्त होगी।
 
इस दिन गुरु पादुका पूजन करें। गुरु दर्शन करें। नेवैद्य, वस्त्रादि भेंट प्रदान कर दक्षिणादि देकर उनकी आरती करें तथा उनके चरणों में बैठकर उनकी कृपा प्राप्त करें। यदि गुरु के समीप जाने का अवसर न मिले तो उनके चित्र, पादुकादि प्राप्त कर उनका पूजन करें।

ALSO READ: guru purnima 2020 : अगर आपके सिर पर नहीं है गुरु की छांव तो जानिए किसे बनाएं अपना गुरु, कैसे करें पूजन

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लाल किताब के अनुसार मंगल दोष से बचने के 10 अचूक उपाय, फिर निश्चिंत होकर करें विवाह

क्या आप जानते हैं चातुर्मास के समय क्यों योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु, नहीं होते मांगलिक कार्य

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Saptahik Muhurat: नए सप्ताह के मंगलमयी मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 16 से 22 जून

Aaj Ka Rashifal: आज किसी खास व्यक्ति से होगी मुलाकात, चमकेंगे सितारे, पढ़ें 15 जून का राशिफल

15 जून 2025 : आपका जन्मदिन

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

मन सच्चा, कर्म अच्छा और बाकी सब महादेव की इच्छा... पढ़ें शिव जी पर लेटेस्ट कोट्स

अगला लेख