Festival Posters

श्री कृष्णम वंदे जगदगुरुं : सारे संसार के गुरु बस एक हैं केशव, कान्हा, श्री कृष्ण

Webdunia
बुधवार, 13 जुलाई 2022 (13:04 IST)
आषाढ़ की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन व्यास पूजा होती है। वेद व्यास का मूल नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। लेकिन वेद व्यासजी श्रीकृष्ण को जगतगुरु मानते थे। भगवान श्रीकृष्‍ण को सारे संसार का गुरु माना जाता है। उन्होंने गर्ग ऋषि, सांदीपनी ऋषि, नेमिनाथ, घोर अंगिरस और परशुराम थे। 
 
64 कलाओं में पारंगत : अध्यात्म जगत में 14 विद्याएं और 64 कलाएं होती हैं जिसमें श्रीकृण पारंगत हैं। विद्या दो प्रकार की होती है परा और अपरा विद्या। इसी तरह कलाएं भी दो प्रकार की होती है। पहली सांसारिक कलाएं और दूसरी आध्यात्मिक कलाएं। भगवान श्रीकृष्‍ण सांसारिक और अध्यात्मिक दोनों ही तरह की विद्या और कलाओं में पारंगत थे।
 
1. श्रीकृष्‍ण के गुरु मानते थे उन्हें अपना गुरु : भगवान श्रीकृष्ण के सबसे पहले गुरु सांदीपनी थे। उनका आश्रम अवंतिका (उज्जैन) में था। वे भगवान कृष्ण, बलराम और सुदामा के गुरु थे। उन्हीं के आश्रम में श्रीकृष्ण ने वेद और योग की शिक्षा और दीक्षा के साथ ही 64 कलाओं की शिक्षा ली थी। गुरु ने श्रीकृष्ण से दक्षिणा के रूप में अपने पुत्र को मांगा, जो शंखासुर राक्षस के कब्जे में था। भगवान ने उसे मुक्त कराकर गुरु को दक्षिणा भेंट की। इसके अलावा श्रीकृष्‍ण के गुरु नेमिनाथ, वेदव्यास, घोर अंगिरस, गर्ग मुनि और परशुराम भी थे। परंतु ये सभी श्रीकृष्‍ण को ही अपना गुरु मानते थे। भीष्म पितामह और गुरु द्रोणाचार्य भी उनकी पूजा करते थे। 
 
2. पूर्णावतार : भगवान श्रीकृष्ण का भगवान होना ही उनकी शक्ति का स्रोत है। वे विष्णु के 10 अवतारों में से एक आठवें अवतार थे, जबकि 24 अवतारों में उनका नंबर 22वां था। उन्हें अपने अगले पिछले सभी जन्मों की याद थी। सभी अवतारों में उन्हें पूर्णावतार माना जाता है।
 
3. श्रीकृष्‍ण के शिष्य : अर्जुन सहित पांचों पांडवों को श्रीकृष्‍ण ने समय समय पर शिक्षा दी है। उन्होंने अर्जुन और उद्धव को गीता का ज्ञान दिया था। महाभारत में श्रीमद्भगवद गीता, अनु गीता और उद्धव गीता नाम से प्रसिद्ध गीताएं श्रीकृष्‍ण के ही प्रवचन हैं।
4. क्यों माना जाता पूर्णावतार : 16 कलाओं से युक्त व्यक्ति ईश्‍वरतुल्य होता है या कहें कि स्वयं ईश्वर ही होता है। पत्‍थर और पेड़ 1 से 2 कला के प्राणी हैं। पशु और पक्षी में 2 से 4 कलाएं होती हैं। साधारण मानव में 5 कला और स्कृति युक्त समाज वाले मानव में 6 कला होती है। इसी प्रकार विशिष्ठ पुरुष में 7 और ऋषियों या महापुरुषों में 8 कला होती है। 9 कलाओं से युक्त सप्तर्षिगण, मनु, देवता, प्रजापति, लोकपाल आदि होते हैं। इसके बाद 10 और 10 से अधिक कलाओं की अभिव्यक्ति केवल भगवान के अवतारों में ही अभिव्यक्त होती है। जैसे वराह, नृसिंह, कूर्म, मत्स्य और वामन अवतार। उनको आवेशावतार भी कहते हैं। उनमें प्राय: 10 से 11 कलाओं का आविर्भाव होता है। परशुराम को भी भगवान का आवेशावतार कहा गया है। भगवान राम 12 कलाओं से तो भगवान श्रीकृष्ण सभी 16 कलाओं से युक्त हैं। यह चेतना का सर्वोच्च स्तर होता है। इसीलिए प्रभु श्रीकृष्‍ण जग के नाथ जगन्नाथ और जग के गुरु जगदगुरु कहलाते हैं।
 
5. गोपियों को दिया ज्ञान : कहते हैं कि श्रीकृष्‍ण के माध्मम से हजारों गोपियों ने ज्ञान प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ती की। वृंदावन में ऐसी भी गोपियां थीं जो पिछले जन्म में ऋषि थे। उन्होंने श्रीकृष्‍ण से भक्तियोग सीखने के लिए ही गोपी रूप में जन्म लिया था। 
 
6. सभी तरह का‍ दिया ज्ञान : श्रीकृष्‍ण ने संसार को सभी तरह का ज्ञान दिया। उन्होंने कर्मयोग, ज्ञानयोग, तंत्रयोग के साथ ही भक्ति योग की शिक्षा भी दी। उन्होंने संसार में जीवन और संन्यास में धर्म की शिक्षा भी दी।
 
7. सखा भी और गुरु भी : श्रीकृष्‍ण अपने भक्तों के सखा भी और गुरु भी हैं। वे सखा बनकर गुर ज्ञान देते हैं। उनके हजारों सखाओं की कहानियों को जानने से यह भेद खुल जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (20 नवंबर, 2025)

Birthday 20 November | 20 नवंबर 2025 : आपका जन्मदिन

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 20 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Guru Tegh Bahadur: गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस, जानें उनके 6 खास कार्य

Pradosh Vrat December 2025: दिसंबर माह में पड़ेंगे दो प्रदोष व्रत, जानें महत्वपूर्ण तिथियां और महत्व

अगला लेख