मनोवैज्ञानिक भी तनाव से ग्रसित व्यक्तियों को हंसते रहने की सलाह देते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जब आप मुस्कराते हैं तो आपका मस्तिष्क अपने आप सोचने लगता है कि आप खुश हैं- यही प्रक्रिया पूरे शरीर में प्रवाहित करता है और आप सुकून महसूस करने लगते हैं। जब आप हंसना शुरू करते हैं तो शरीर में रक्त का संचार तीव्र होता है। तनाव में भी हंसने की क्षमता हो तो दुःख भी कुछ कम लगने लगता है। हंसने के लाभ भी बहुत होते हैं जैसे-
* हंसते समय क्रोध नहीं आता।
* हंसने से आत्मसंतोष के साथ सुखद अनुभूति होती है।
* शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है।
* हंसने से मन में उत्साह का संचार होता है।
* ब्लड प्रेशर कम होता है।
* हंसी मांसपेशियों में खिंचाव कम करती है।
* हंसी दर्द दूर करती है
* इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग की भी एक्सरसाइज होती है।
हंसना-हंसाना अपनी आदतों में शामिल कीजिए और फिर देखिए तनाव आपके पास फटक तक नहीं पाएगा, साथ ही आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।