हाथ से खाना खाने से मिलते हैं कई सेहत लाभ, जरूर जानिए

Webdunia
इन दिनों अधिकांश लोग स्पून व चम्मच से ही खाना खाते हैं खासतौर से जब वो बाहर किसी रेस्टॉरेंट आदि में गए हो। अगर आपको भी ऐसे में व किसी भी वक्त हाथ से खाने में शर्म आती है तो आपको बता दे कि हाथ से खाने में शर्माने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ऐसा करने से आपको ढेरों सेहत फायदे मिलेंगे। आइए, जानते हैं उन्हीं के बारे में -  
 
1 चम्मच से खाना खाने के बजाए अगर हम हाथ से खाना खाते हैं तो मुंह नहीं जलता क्योंकि चम्मच का तापमान खाने के अनुसार बदलता है और इसका पता हमें नहीं चलता, जबकि हाथ से खाना खाते वक्त हमें तापमान का आभास होता है।
 
2 जब हम हाथ से खाना खाते हैं तब उंगुलियां और हाथ के उंगूठे आपस में मिलने से जो मुद्रा बनती है, उसके कारण शरीर में विशेष रूप से ऊर्जा पैदा होती है जो शरीर को स्वस्थ्य रखने में सहायक है।
 
3 हाथ से खाना खाते समय हम हाथ धोने पर विशेष ध्यान देते हैं, जबकि चम्मच से खाना खाते वक्त हम रखा हुआ चम्म्च प्रयोग करते हैं, जिसमें जीवाणुओं की उपस्थिति की संभावना अधिक होती है।
 
4 जब हम हाथ से खाना खाते हैं, तो हमारे शरीर में पंचतत्वों का संतुलन सही होता है, जबकि चम्मच से खाना खाने पर यह लाभ हमें नहीं मिल पाता।
 
5 हाथ से खाना खाना स्पर्श चिकित्सा समान है। इसमें हमारे हाथ, मुंह, पेट और दिमाग में भी एक तरह का संबंध बनता है शरीर के आंतरिक संकेतों के जरिए ही खाना पचता है। इससे शरीर सुपोषित होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

लहसुन और प्याज खाने के फायदे

मिस वर्ल्ड 2025 के ताज से जुड़ी ये 7 बातें जो बनातीं हैं इसे बहुत खास, जानिए क्राउन कीमत से लेकर हर डीटेल

विकास दिव्यकीर्ति सर की पसंदीदा ये 4 किताबें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!

कौन हैं भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी जिन्होंने 8 महीनों में तय किया 50,000 किलोमीटर का समुद्री सफ़र, प्रधानमंत्री ने की सराहना

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

अगला लेख