Dhanteras पर जानिए चांदी के बर्तन में खाने-पीने से मिलने वाले 7 सेहत लाभ

Webdunia
क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग तरह के बर्तनों की अपनी विशेषताएं होती है, और उनमें खाना पकाने पर उनके गुणों का असर भोजन में भी आ जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं 6 ऐसे बर्तनों के बारे में जिन्हें अधिकांश जगह भोजन पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइए, जानें इन बर्तनों में खाने पकाने से खाने पर क्या असर होता है - 
 
1 चांदी : माना जाता है कि इस धातु का संबंध दिमाग और शरीर के पित्त को नियंत्रित करने से है। चांदी के बर्तन में खाने व पीने से दिमाग तेज होता है। इसकी प्रकृति शरीर को ठंडा रखती है साथ ही तन-मन को स्थिर और शांत करती है। यह धातु 100 फीसदी बैक्टीरिया फ्री होती है इसलिए इंफेक्शन से भी बचाती है। 
 
2. पीतल : पीतल के बर्तनों में सामान्यत: पुराने समय में ज्यादा खाना पकाना एवं खाया जाता था। यह नमक और अम्ल के साथ प्रतिक्रिया करता है, इसलिए खट्टी चीजों का या अधिक नमक वाली चीजों को इसमें पकाना या खाना नहीं चाहिए, अन्यथा फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
 
3. तांबा : तांबे के बर्तनों का उपयोग भी पुराने जमाने से ही किया जाता रहा है, और यह भी पीतल की तारह ही अम्ल और नमक के साथ प्रतिकिया करता है। कई बार पकाए जा रहे भोजन में मौजूद ऑर्गे‍निक एसिड बर्तनों के साथ प्रतिक्रिया कर ज्यादा कॉपर पैदा कर सकते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है।

ALSO READ: Diwali पर इन टिप्स को अपनाएं और छोटे किचन को बड़ा दिखाएं
 
4. एल्युमीनियम : इन बर्तनों का इस्तेमाल लगभग हर घर में होता ही है। गर्मी मिलने पर एल्युमीनियम के अणु जल्दी सक्रिय होते हैं और एल्युमीनियम जल्दी गर्म होता है। एल्युमीनियम के बर्तन में खाना पकाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यह भी अम्ल के साथ बहुत जल्दी रासायनिक प्रतिक्रिया करता है, इसलिए इसमें खटाई या अम्लीय सब्जियों चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
 
5. स्टेनलेस स्टील : स्टेनलेस स्टील का प्रयोग वर्तमान में काफी चलन में है। यह एक मिश्र‍ित धातु है जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है। इसमें खाना पकाने या बनाने में सेहत को कोई नुकसान नहीं होता। इन बर्तनों का तापमान बहुल जल्दी बढ़ता है।

ALSO READ: मां लक्ष्मी का करें स्वागत फूलों की रंगोली से, जानिए 6 आसान स्टेप्स में बनाने की विधि
 
6. लोहा : भोजन पकाने और खाने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग हर तरह से फायदेमंद होता है। इन बर्तनों में पकाए गए भोजन में आयरन की मात्रा अपने आप बढ़ जाती है और आपको उसका भरपूर पोषण मिलता है। सामान्य तौर पर सभी को आयरन की आवश्यकता होता है, और महिलाओं को खास तौर से इसकी जरूरत होती है।
 
7. नॉन स्ट‍िक : नॉन स्ट‍िक का मतलब होता है, न चिपकने वाला। अर्थात ऐसे बर्तन जिनमें खाना चिपकता नहीं है और पकाने के लिए अधिक तेल या घी की आवश्यकता भी नहीं होती। लेकिन इन बर्तनों को अत्यधिक गर्म करने या फिर खरोंच लगने पर रसायन उत्सर्जित होते हैं जो हानिकारक हो सकते हैं।
 
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

क्या सर्दियों में आपकी रूखी त्वचा को भी चाहिए ताजगी और हाइड्रेशन? तो इस प्राकृतिक फेस पैक के फायदे जान लिजिए

सर्दियों में खुद को बनाए रखें फिट और तंदुरुस्त, पिएं ये प्राकृतिक हर्बल टी

महाराष्ट्र में क्यों घटा पवार का पावर, क्या शिंदे हैं शिवसेना के असली वारिस?

अगला लेख