चैत्र नवरात्रि व्रत में रखें अपनी सेहत का ख्याल

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हर साल नवरात्रि में अधिकांश लोग नौ दिनों का व्रत रख कर शक्ति की उपासना करते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि लोग व्रत में या व्रत के दौरान खाने से बचते हैं जिसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। क्योंकि स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर को पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप व्रत के बाद भी स्वस्थ बने रह सकते हैं.......
 
यह हैं कुछ बेहतर तरीके- 
व्रत के अलावा बाकी दिनों में हम मुख्य भोजन के साथ-साथ दिन भर कुछ न कुछ खाते रहते हैं लेकिन व्रत के दिनों में या तो हम बहुत कम खाते हैं या कुछ खाते ही नहीं और अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। ऐसे में हमें अच्छी मात्रा में न्यूट्रिएंट फूड्स लेते रहना चाहिए। आध्यात्मिक बनना अच्छी बात है लेकिन अपने शरीर का ध्यान रखना भी जरूरी है। इसलिए व्रत के दिनों में खाने के कुछ महत्वपूर्ण तरीकों को अपनाएं। जैसे- दिन में दो गिलास दूध और दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल जरूर करें। इसके साथ ड्राई फ्रूट्स, फ्रूट्स, खीर आदि भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इसके अलावा आप गाढ़ी मीठी या नमकीन लस्सी भी ले सकते हैं। टोफू या पनीर भी अच्छा विकल्प है। 
 
आप खुद से बनाएं अपने लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार-  
कई बार यह देखा जाता है कि लोग व्रत के दौरान तले हुए आलू खाना पसंद करते हैं लेकिन आपके स्वास्थय के लिए यह बहुत फायदेमंद नहीं होता है। इसलिए इसकी जगह आलू का ही दूसरा विकल्प चुन सकते हैं। आप यह कर सकते हैं कि उबले आलुओं को छोटे -छोटे टुकड़े में काट लें फिर इसमें थोड़ी-सी हरी चटनी या इमली की चटनी डालें। नींबू का रस, नमक, काली मिर्च आदि डालकर अच्छी तरह मिलाएं। पनीर की टिक्कियां या फ्रूट चाट भी बेहतर विकल्प हैं। आलू और मखाने को क्रिस्पी बनाने के लिए एक साथ थोड़ा सा तेल डालकर मिलाएं। आप चाहें तो इसमें पनीर, टोफू या सोया से सामानों को नींबू, मसालों और विनेगर के साथ मिला लें फिर खाएं। 
 
बच्चों,बड़ों और गर्भवती महिलाओं के लिए बनाएं अलग-अलग व्यंजन-  
 
बच्चों के लिए- कई बार ऐसा होता है कि बड़ों की देखा-देखी बच्चे भी व्रत रखने की जिद करने लगते हैं और उसमें शामिल भी हो जाते हैं। ऐसे में उनके स्वास्थ्य का खयाल रखना बेहद जरूरी है। बच्चों को आलू की बजाय कुट्टू की रोटी दें। पनीर और कुट्टू आटा को मिलाकर रोटी बनाएं और आलू, पनीर या लौकी की सब्जी के साथ ही खीरे के रायते के साथ उसे परोसें। फ्रूट शेक जैसे- एप्पल शेक, आइस क्रीम शेक भी सही विकल्प हैं। फ्रूट क्रीम भी बच्चों को बहुत पसंद आती है। 
 
बड़ों और बुजुर्गों के लिए- 
कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्ग पहले से करते आ रहे अपने व्रत को छोड़ना नहीं चाहते हैं। उससे उनकी आस्था ऐसी जुड़ी होती है कि वह अपनी बढ़ती उम्र तक के खयाल को दरकिनार कर देते हैं। लेकिन इस उम्र में उनके लिए अपने खाने-पीने का खयाल रखना ज्यादा जरूरी होता है। यही बात बड़ों पर भी लागू होती है। ऐसे में इनके लिए बेक्ड या गिर्ल्ड फूड बेहतर विकल्प होते हैं। ढेर सारा दूध और पनीर को भी अपने खान पान में जरूर शामिल करें। इसके साथ ही शारीरिक कसरत भी जरूरी है। डिनर में हल्का भोजन लें। 
 
गर्भवती महिलाओं के लिए- 
आमतौर पर गर्भवती को व्रत रखने की सलाह नहीं दी जाती है। फिर भी वह व्रत रखना चाहती हैं तो उन्हें दिन में दो बार नारियल पानी और चीनी की जगह गुड़ खाना चाहिए। साथ ही दिनभर बीच-बीच में उन्हें कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। उनके लिए फल वगैरह भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं। साथ ही वह ज्यादा से ज्यादा दूध और दूध से बनी चीजों भी सेवन कर सकती हैं। 
 

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