कम्प्यूटर के सामने घंटों बैठते हैं तो यह 8 बातें आपके काम की हैं

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आज के दौर में ऐसा कौन सा इंसान है जिसे टीवी और कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों न बैठना पड़ता हो। ऐसे में आंखों की समस्या उत्पन्न हो जाना आम बात है। शोधों के अनुसार, कम्प्यूटर के सामने बैठने वाले 50 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक लोगों में आंखों से जुड़ी समस्याएं जन्म ले लेती हैं। 
 
इन समस्याओं में चक्कर आना, काम में गलतियां, आंखें लाल होना और आंखों में जलन शामिल हैं। टीवी और कम्प्यूटर के सामने ज्यादा देर लगातार बैठने से आंखें अपनी नमी खो देती हैं। हम सभी को कभी न कभी इन समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। कम्प्यूटर और टीवी के सामने बैठना भी नहीं छोड़ सकते। परंतु रह रहकर हमें ख्याल आता है कि आंखों पर बहुत स्ट्रेस पड़ रहा है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिनसे इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। 
 
1. आंखों की जांच कराएं : अगर आप बहुत समय से लगातार कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम कर रहे हैं तो सबसे पहला कदम आंखों की सेहत की तरफ यह होगा कि आप किसी काबिल डॉक्टर के यहां जाकर अपनी आंखों की जांच करवाएं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कम्प्यूटर पर सालभर तक अधिक काम करने के बाद आंखों के जांच के लिए जाना ही चाहिए। 
 
आंखों की जांच के समय सही समय और घंटों का खुलासा जरूर करें। कम्प्यूटर से अपनी दूरी का सही माप लें और डॉक्टर को बताएं। यह इलाज के लिए जरूरी है। 
 
2. सही रोशनी में काम करें : अब जब आप सबसे सही कदम उठा चुके हैं तो बारी आती है दूसरे कदम की और वह है सही रोशनी में काम करना। क्या आप जानते हैं कि खिड़की में से आती सूर्य की तेज रोशनी और कमरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लगाई गईं लाइट्स आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हैं। इन स्थितियों में काम करने से आंख़ों पर दबाव बढ़ता है। अक्सर सुनने में आता है कि कम रोशनी में आंखों पर दबाब पड़ता है परंतु आवश्यकता से अधिक रोशनी भी आंखों को नुकसान पहुंचाती है। बाहर से आने वाली रोशनी को पर्दो की सहायता से बंद कर दें। इसके अलावा भी रोशनी कम करने के लिए आप अतिरिक्त ट्यूबलाइट और बल्ब बंद कर सकते हैं। आपके काम करने वाली जगह में रोशनी सफेद रंग की रखें।   
 
3. कम्प्यूटर मॉनीटर बदलिए: अगर आप अभी भी पूराने ट्यूब स्टाइल मॉनीटर पर लंबे समय तक काम कर रहे हैं तो समय आ गया है कि आप इसे फ्लेट-पैनल लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LCD) से बदल दें। LCD आंखों पर कम स्ट्रेस डालते हैं और सामान्यतौर पर इनमें एंटी-रिफलेक्टीव सरफेस होता है। पूराने स्टाइल के मॉनीटर में काम करते समय आंखों को एडजस्ट करने में समस्या आती है। एलसीडी चुनते समय सबसे हाई रिजोल्यूशन का डिस्प्ले खरीदिए। इसके अलावा अगर आप एलसीडी 19 इंच से बड़ा लें तो बहुत ही अच्छा होगा।  
 
4. करें कम्प्यूटर की सैटिंग में बदलाव : आंखों की सुरक्षा के लिए कम्प्यूटर की सैटिंग में भी बदलाव किया जा सकता है। कम्प्यूटर की सैटिंग में जाकर ब्राइटनेस को एडजस्ट करें। ब्राइटनेस को सामान्य रखें बहुत ज्यादा ब्राइट या कम ब्राइट आंखों के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा जहां तक हो सके सफेद बैकग्राउंड पर काले अक्षर में काम करें। 
 
5. पलकें झपकाना बढ़ा दें : हम अक्सर ध्यान नहीं देते और कम्प्यूटर पर काम करते समय लगातार इसकी तरफ देखते रहते हैं। ऐसे में पलकें झपकाना लगभग भूल जाते हैं। हालांकि बिना ध्यान दिए भी हम पलकें झपकाते हैं परंतु आंखों को कम्प्यूटर पर होने वाले नुकसान को कम करने और आराम बढ़ाने के लिए ध्यान रखकर बार बार पलकें झपकाना चाहिए। इससे आंखों में नमी उतरती है और आंखों में सूखापन लगने से छुटकारा मिलता है। 
 
6. आंखों की एक्ससाइज करें: आपकी आंखें कम्प्यूटर की तरफ लगातार देखने के कारण थक जाती हैं। हर बीस मिनट बाद कम्प्यूटर से नजरें हटा लें। किसी ऐसी चीज को देखें जो आपसे करीब 20 फीट की दूरी पर हो। यह आंखों के लिए एक किस्म की एक्ससाइज है। अगली एक्ससाइज में दूर स्थित चीज को करीब पंद्रह सेकंड तक देखिए फिर पास की चीज को भी पंद्रह मिनट तक देखिए। ऐसा 10 बार कीजिए। दोनों ही एक्ससाइज से आपकी आंखों पर कम्प्यूटर की वजह से पड़ने वाले स्ट्रेस में कमी आएगी।  
7. छोटे ब्रेक लीजिए: हम में से बहुत से लोगों को लगातार कम्प्यूटर पर बैठना पड़ता है। बीच में हम एक ब्रेक लेते हैं। कई शोधों से साबित हुआ है कि एक लंबे ब्रेक के बदले कई सारे छोटे-छोटे ब्रेक लिए जाने चाहिए। कम्प्यूटर पर लगातार बैठना न सिर्फ आपकी आंखों बल्कि कंधों, रीढ़, पीठ और गर्दन को भी हानि पहुंचाता है। पांच मिनट के छोटे ब्रेक लेने से आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों को काफी आराम मिलेगा और कोई स्थायी समस्या उत्पन्न नहीं होगी।  
 
8. कम्प्यूटर के लिए खासतौर से बने चश्मों का इस्तेमाल : कम्प्यूटर से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए खास चश्मे भी बाजार में उपलब्ध हैं। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें नंबर का चश्मा लगता है अपने डॉक्टर से अपने लिए कम्प्यूटर के लिए खासतौर पर बनने वाले चश्मे की मांग कर सकते हैं। 
 
कम्प्यूटर और टेलीविजन की लाइफ में बढ चुकी महत्ता के चलते इनके लगातार संपर्क में रहना बहुत अधिक बढ़ चुका है। ऐसे में आंखों और शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ना लाजमी है। दिए गए उपायों को अपना कर निश्चित तौर पर इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा आंखों की ज्योति बढ़ाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए कई अन्य उपाय भी आजमाए जाने चाहिए। सुबह की सैर और खानपान में ध्यान देकर आंखों को स्वस्थ रखना संभव है।  

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