जिम में 'आपका' वजन कम हो रहा है या 'जेब' का, फिटनेस का शौक है तो एक नजर इस पर जरूर डालें

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फिटनेस फंडा आजकल जरूरत के अलावा ट्रेंड भी बनता जा रहा है। इसके लिए डाइट से लेकर योगा, एरोबिक्स, डांस थैरेपी और अन्य कई माध्यम प्रचलन में हैं। ऐसा ही एक बेहद प्रचलित माध्यम है 'जिम', लेकिन 'जिम' ज्वाइन करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप सही तरीके व नियमों का ध्यान रखने वाले जिम को ही ज्वाइन कर रहे हैं या नहीं।
 
फिल्म स्टार हों या बिजनेस मैन, मॉडल हों या कोई और सेलिब्रिटीज, सभी अपने को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं। क्योंकि फिट रहना उनकी इच्छा का ही सवाल नहीं होता अपितु उनके प्रोफेशनल इंट्रैस्ट से भी जुड़ा है। 
 
लेकिन जरूरी नहीं है कि आप जिम तभी जाएं जब आपका हेल्दी एवं फिट रहना आपके प्रोफेशनल प्रॉफिट से ही जुड़ा हो। आजकल यूं  भी फिट रहने के लिए जिम जाने का आम आदमियों तक में चलन बढ़ रहा है। फिट रहने का कतई यह मतलब नहीं है कि आप अपने शरीर के फैट को घटाकर अपने वजन को 10-20 किलो कम करें। वजन घटाए बिना भी जिम जाने की जरूरत होती है और लोग जा भी रहे हैं। ऐसे लोगों का 'राइट डाइट, राइट जिम' नारा होता है। 
 
स्वस्थ रहने के प्रति बढ़ती अवेयरनेस के चलते आजकल जिम जाने वालों की तादाद काफी बढ़ गई है लेकिन जरूरी नहीं है कि जिम जाने वाले सभी लोग इसका भरपूर फायदा उठा पाते हों। सच बात तो यह है कि ज्यादातर लोग जिम का भरपूर फायदा नहीं उठा पाते। कारण होता है गलत जिम का चुनाव। सवाल है क्यों हममें से ज्यादातर युवा अपने लिए सही जिम का चुनाव नहीं कर पाते हैं? 
 
दरअसल किसी की भी फिटनेस उसकी जिम यूज करने की क्षमता और जिम में उसकी क्षमता के अनुकूल साजो-सामान व माहौल पर निर्भर करती है। 
 
 सवाल है कि जिम में ऐसी क्या बातें होनी चाहिए? जाहिर है जिम वेल इक्विप्ड हो, क्वॉलिफाइड ट्रेनर हों, सही हेल्थ के लिए जूस, चाय-कॉफी आदि के लिए कैफे हों। न्यूट्रिशिनस्ट्स और पर्सनल ट्रेनर हों। यही नहीं वहाँ के इक्विपमेंट भी ब्रांडेड होने चाहिए... तो क्या आप भी इस प्रकार के जिम को परफेक्ट मान रहे हैं? ठहरिए आप गलती कर रहे हैं। दरअसल, ये सभी चीजें तो जरूरी हैं मगर इन सभी चीजों से ही कोई भी जिम परफेक्ट नहीं हो जाता। ....किसी भी जिम में जाने से पहले हमें मूल रूप से कई बातों पर भी ध्यान देना चाहिए- 
 
* जिम का चुनाव करते समय इस बात को सबसे पहले जेहन में रखें कि वह आपकी लाइफस्टाइल के अनुरूप हो, उसे प्रमोट करने वाला हो। जिम ऐसा न हो जो सिर्फ आपके लिए एक मेडिकल प्रोग्राम की ही भूमिका अदा करे। 
 
* जिम में आने वाले जहां एक ओर यंगस्टर्स होते हैं वही दूसरी ओर मिडिल एज ग्रुप के लोग भी होते हैं। यंगस्टर्स वहां बॉडी बिल्डिंग के लिए आते हैं तो कुछ लोग सामान्य रूप से फिट रहने के लिए इसे ज्वाइन करते हैं। उम्र और शरीर के अनुसार सबके शरीर अलग प्रकार के होते हैं। उनके फिटनेस लेवल में भी फर्क होता है। कुछ हार्ट पेशेंट, हाई ब्लडप्रैशर, आस्ट‍ियोपोरोसिस के पेशेंट होते हैं। जिम में ऐसे तमाम लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम होने चाहिए इसलिए ट्रेनर का उच्च प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है। 
 
* जिम में इस्तेमाल होने वाले बॉडी इक्विपमेंट भी ब्रांडेड तथा उच्च क्वॉलिटी के होने चाहिए। इस तरह के इक्विपमेंट द्वारा ही एक्सरसाइज का सही तकनीकी ढंग से विकास किया जा सकता है। सही मसल्स के डेवलपमेंट के लिए यह इक्विपमेंट सुरक्षित होने चाहिए ताकि इससे किसी प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका न रहे। 
 
* जिम ऐसा हो जो आप में मोटापा कम करने का आकर्षण जगाने के बजाय आपके शरीर के फैट के स्तर को संतुलित करे। पहली बार जिम ज्वाइन करने वालों के लिए जरूरी है कि वे जिम में ऐसी एक्सरसाइज रूटीन और न्यूट्रिशिनल गाइड लाइन्स अपनाएँ जो कि शॉट टर्म हों, जिन्हें आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार पूरा कर सकने में सफल हो सकें। वर्क आउट के लिए आपका मूड तभी तैयार हो सकता है जब आपके आसपास का वातावरण इसके अनुकूल हो। जिम की साफ-सफाई, वहां कार्यरत लोगों का पॉजिटिव रुख और वहाँ आने वाला क्राउड आपके वर्कआउट के मूड को लगातार ताजा बनाए रखता है। ऐसा हो भी क्यों न आखिर आप जिम में अपनी बॉडी, माइंड को सिर्फ एनर्जी देने के लिए ही नहीं आए हैं बल्कि एक दिन आने के बाद यहां अगले दिन भी आपका दोबारा आने के लिए मन करे। जिम का ऐसा होना भी जरूरी है। जिम का चुनाव करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जिम में आप बॉडी और माइंड दोनों को फिट करने जा रहे हैं। डि-स्ट्रेस के लिए वहाँ मसाज, स्टीम, शॉवर, हेल्थ जूस कैफे की सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। जिम में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के अलावा फिटनेस प्रोग्राम को साइंटिफिक एप्रोच से करवाने की सुविधा भी होनी चाहिए। 
 
* जिम में फिटनेस प्रोग्राम को सही तरीके से गाइड करने के लिए प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स, फिटनेस एक्सपर्ट्‌स, फिजियो थैरेपिस्ट्स, न्यूट्रिशनिस्ट्स आदि होने चाहिए। याद रखें हमारे शरीर की जरूरत मेडिकल हिस्ट्री और बॉडी डाइट के अनुसार ही एक्सपर्ट हमें गाइड करें तो बेहतर होता है। 
 
* फिजिकल ट्रेनर्स ही मोटिवेर्ट्स होने चाहिए।  

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