रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी स्वास्थ्य ठीक नहीं, कहीं लॉन्ग कोविड का शिकार तो नहीं, जानें कैसे निपटें?

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कोविड से ठीक होने के बाद मरीज तेजी से ठीक जरूर हो रहे हैं लेकिन कोविड से जुड़ी समस्याएं कम नहीं हो रही है। कोविड से ठीक हो रहे मरीज लॉन्ग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। जिसमें से कई लोगों में बीपी, शुगर या हार्ट का खतरा बढ़ रहा है। थकान, कमजोरी, सिर दर्द, पीठ दर्द और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है तो यह भी लॉन्ग कोविड के लक्षण है। कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी मरीजों में एक्‍यूट पोस्‍ट कोविड सिंड्रोम हो सकते हैं जिसे लॉन्‍ग कोविड भी कहते हैं। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर पर कोविड का कितना अटैक हुआ है अगर गंभीर असर होता है तो लॉन्ग कोविड होने की संभावना अधिक है। आइए जानते हैं लॉन्ग कोविड क्‍या है इसके लक्षण और कैसे इससे निपटे?

आखिर क्‍या है लॉन्ग कोविड?  

दरअसल, कोविड संक्रमित होने के बाद आपकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी मरीज स्वस्थ नहीं है तो यह कोविड के आफ्टर इफेक्ट्स है। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी हल्की खांसी, सिरदर्द, शरीर में दर्द, सांस लेने में परेशानी होना, गंध नहीं आना आदि। इसका मतलब कोविड के पार्टिकल्स अभी भी आपकी बॉडी में है। लॉन्ग कोविड की चपेट में रहने वाले मरीजों को कई सीरियस समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। 

जैसे फेफड़े, दिल, ब्रेन या दिल पर इसका असर पड़ता है। कोविड से ठीक होने के बाद डॉक्टर के संपर्क में भी जरूर बनें रहे। वहीं अगर आपको जबड़ों में दर्द या आंखों या नाक में किसी प्रकार का दर्द हो रहा है तो इसे हल्के में नहीं लें। डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए क्योंकि ये ब्लैक फंगस भी हो सकता है। 

कैसे निपटें लॉन्ग कोविड से -

विशेषज्ञों के मुताबिक लॉन्ग कोविड की वजह से सामान्य जीवन शुरू करने में कई-कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। कई बार मन भी उदास हो जाता है। उनके मुताबिक दवाओं का अधिक रोल नहीं है। इसके लिए एक्‍सरसाइज करें, डाइट अच्‍छी रखें। कई लोग है जिनकी उम्र 30 से 40 साल की है लेकिन उनके भी फेफड़े तक ठीक नहीं है। इसके लिए वैक्सीनेशन ही बेस्ट है।

कोविड की वजह से फेफड़ों के साथ शरीर के अन्य भागों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। लॉन्ग कोविड की वजह से आंत, लीवर, किडनी, मस्तिष्क भी बुरी तरह प्रभावित हुए है। पोस्‍ट कोविड के बाद भी लोगों में हार्ट अटैक का खतरा कम नहीं हुआ है। ठीक होने के बाद भी खून के थक्के जम सकते हैं। इससे निपटान के डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। हार्ट की दवा में लापरवाही नहीं बरतें। साथ ही डॉक्टर की सलाह से नियमित एक्सरसाइज जरूर करें।

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