Vidya Balan Weight Loss: विद्या बालन की वेट लॉस का राज़, No Raw food diet

जानिए क्या है No Raw food diet, और किन लोगों के लिए यह डाइट है फायदेमं

WD Feature Desk
No Raw food diet

What Is No Raw Diet: विद्या बालन हाल ही वेट करने की वजह से काफी चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि एक्ट्रेस विद्या बालन (Vidya Balan) ने वजन कम करने के लिए नो रॉ डाइट (No Raw Diet) की मदद ली। इस डाइट प्लान को फ़ॉलो करने के लिए विद्या हमेशा घर का बना हुआ खाना (home cooked foods) खाती थीं। साथ ही कुछ फूड्स से उन्होंने परहेज भी किया।

बताया जा रहा है कि इसी डाइट के दौरान उन्होंने ग्लूटेन फ्री फूड्स (Gluten Free foods) का सेवन किया। हाल ही में विद्या फिल्म दो और दो प्यार (Do aur Do Pyaar) के प्रमोशन्स के दौरान दिखीं। विद्या बालन का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन देख लोग विद्या की मेहनत की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं ।ALSO READ: इस सब्जी का जूस पीने से लिवर में जमा गंदगी होगी दूर

क्या है नो रॉ डाइट ?( No Raw Diet)
आमतौर पर वेट लॉस के लिए जहां कच्चे फल और सब्जियों का सलाद और अंकुरित अनाज खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन, नो रॉ डाइट में किसी भी तरह के कच्चे फूड्स का सेवन नहीं किया जाता है। नो रॉ डाइट में कच्चा पनीर, दूध और अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स के सेवन से भी मना किया जाता है।
इस तरह की डाइट में पकी हुई, भाप में पकायी गयी या रोस्टेड फूड्स को शामिल किया जाता है। नो रॉ डाइट में किसी भी फूड को शामिल करने से पहले उसे इतना प्रोसेस जरूर किया जाता है कि फूड का कच्चापन खत्म हो जाता है।

क्या हैं कच्चा खाना ना खाने के क्या फायदे हैं?
बीमारियों से सुरक्षा
डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, नो रॉ डाइट में कच्चा खाना इसलिए शामिल नहीं किया जाता क्योंकि, इससे कई तरह की बीमारियों और हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क कम होता है। दरअसल, कच्चे फूड्स खाने से उनमें मौजूद बैक्टेरिया शरीर में पहुंच जाते हैं और कई तरह की बीमारियों का रिस्क बढ़ा देते हैं। लेकिन, जब इन फूड्स को पकाया जाता है तो ये सारे बैक्टेरिया खत्म हो जाते हैं। इससे आपको गम्भीर इंफ्केशन्स और बीमारियों से बचने में मदद होती है।

खाने को पचाने में होती है आसानी
किसी भी तरह के फूड को पकाने से उसमें मौजूद फाइबर (dietary fiber) सॉफ्ट हो जाते हैं। इससे उन्हें खाने के बाद पचाने में सिस्टम को काफी आसानी होती है। इसी तरह भोजन को पकाकर खाने से उनमें मौजूद कॉम्पलेक्स प्रोटीन (complex protein) भी ब्रेक होने लगते हैं और डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए उन्हें पचाना आसान हो जाता है।

बेहतर होता है पोषक तत्वों का अवशोषण
स्टीम करने, पकाने या रोस्ट करने के बाद फूड्स में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स डिएक्टिवेट होने लगते हैं। बता दें कि ये ऐसे तत्व हैं जो फाइटेट्स और ऑक्सेलेट्स जैसे मिनरल्स के अवशोषण (absorption of minerals) में समस्या ला सकते हैं। इसीलिए फूड्स को पकाकर खाना (eating cooked foods) अधिक फायदेमंद है।

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