आजकल के लोगों में जैविक (Organic) और प्राकृतिक चीज़ों की मांग बढ़ रही है। माचा टी इस बदलते ट्रेंड (Trend) का हिस्सा बन चुकी है और इन दिनों इंटरनेट (Internet) पर हर कहीं यह चाय बहुत लोकप्रिय हो रही है। यह दिखने में हरे रंग की होती है और इसका स्वाद हल्का मीठा और थोड़ा कड़वा होता है, जो स्वाद को संतुलित (balance) कर देता है। इसके कई फायदे होते हैं जैसे – अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट (high antioxidants), मेटाबोलिज़्म (metabolism) बढ़ाना, वज़न घटाने में मदद आदि। हालांकि इन फायदों के साथ इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जिन्हें लोगों को ध्यान में रखकर ही इसका उपयोग करना चाहिए।
मूल (Origin)
माचा टी (Matcha Tea) चीन में 7वीं–10वीं सदी में उत्पन्न हुई थी, पर 14वीं सदी में इसका उत्पादन चीन में बंद हो गया था। उसके बाद से माचा टी का उत्पादन जापान में होने लगा। बौद्ध भिक्षु एइसाई (Eisai) ने 12वीं शताब्दी में इस चाय को चीन से जापान लाया। इसका असली विकास और लोकप्रियता जापान में हुई।
माचा टी के फायदे (Advantages of Matcha Tea)
भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स
माचा में कैटेचिन्स (Catechins) नामक पौधों के यौगिकों की प्रचुरता होती है, जो चाय में पाए जाते हैं और प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट (natural antioxidants) के रूप में कार्य करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट्स हानिकारक फ्री रेडिकल्स को स्थिर करने में मदद करते हैं, जो यौगिक कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर पुरानी बीमारियाँ उत्पन्न कर सकते हैं।
दिमागी कार्यक्षमता को बढ़ाना
कई रिसर्च (Research) से यह पता चला है कि माचा टी में ऐसे कंपोनेंट्स होते हैं जो दिमाग के कार्य को बढ़ाते हैं। एल-थीनाइन नामक अमीनो एसिड की मौजूदगी आराम को बढ़ावा देती है और तनाव को कम करती है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
ग्रीन टी (Green Tea) और माचा टी (Matcha Tea) की न्यूट्रिएंट प्रोफाइल (Nutrient profile) एक जैसी होती है। यह दिल की बीमारियों से बचाती है और साथ ही उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के जोखिम (risk) को भी कम करती है।
वज़न घटाने में मदद (Weight Loss)
माचा चाय में ऐसे कई प्राकृतिक तत्व होते हैं जो वज़न कम करने में सहायक माने जाते हैं। इसमें सबसे प्रमुख है कैटेचिन्स, विशेष रूप से EGCG (Epigallocatechin Gallate), जो मेटाबॉलिज़्म को तेज करने और शरीर में मौजूद फैट को जल्दी बर्न करने में मदद करता है। इसके अलावा माचा चाय में कैफीन भी मौजूद होती है, जो शरीर को ऊर्जा देती है और व्यायाम के दौरान सहनशक्ति बढ़ाती है।
कैंसर को रोकने में मदद
माचा में कुछ ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो कैंसर की रोकथाम से जुड़े होते हैं। खासकर इसमें पाया जाने वाला EGCG एक शक्तिशाली कैटेचिन है, जो शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है। ये फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। माचा चाय इन फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके कोशिकाओं की रक्षा करती है।
Matcha Tea के साइड इफेक्ट्स (Side Effects)
माचा टी में कैफीन की मात्रा ग्रीन टी से भी अधिक होती है, जिसके कारण इसके कुछ प्रतिकूल प्रभाव (adverse effects) हो सकते हैं, जैसे – दिल की धड़कन तेज होना (heart rate), लीवर से जुड़ी समस्याएँ, और नींद का शेड्यूल (sleep schedule) बिगड़ना।
माचा पीने से आपके शरीर में कीटनाशकों, रसायनों और यहाँ तक कि आर्सेनिक जैसे प्रदूषकों का संपर्क भी बढ़ सकता है, जो उस मिट्टी में पाए जाते हैं जहाँ चाय के पौधे उगाए जाते हैं।
खाली पेट माचा टी पीने से मतली (nausea) और पेट खराब होने की संभावना होती है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स और एसिड होता है।
माचा में टैनिन्स (Tannins) और कैटेचिन्स (Catechins) पाए जाते हैं, जो ऐसे यौगिक हैं जो आयरन (Iron) – विशेष रूप से पौधों पर आधारित भोजन में पाए जाने वाले प्रकार – के अवशोषण (absorption) में बाधा डाल सकते हैं।