आखि‍र क्‍या अंतर है जॉगिंग और रनिंग में, लोग क्‍यों होते हैं कन्‍फ्यूज्‍ड?

Webdunia
शुक्रवार, 29 जनवरी 2021 (12:18 IST)
दौड़ना सेहत के लिए अच्‍छा है। लेकिन बहुत से फि‍टनेस फ्र‍िक को नहीं पता कि रनिंग और जॉगिंग में बहुत अंतर है। दोनों के रिजल्‍ट भी अलग है।

आइए जानते है क्‍या फर्क है दोनों में और दोनों के फायदे क्‍या हैं।

रनिंग एक फिजिकल एक्टिविटी है जो सेहत से जुडी अनगिनत फायदे देती है, जब तक कि यह ठीक तरीके से और अच्छी सेहत की स्थिति में की जाती है।

जॉगिंग क्‍या है?
दरअसल, जॉगिंग और रनिंग एक नहीं है। हालांकि दोनों एक्टिविटी समान एक जैसी है। शाब्दिक रूप से जॉगिंग का अर्थ है धीरे-धीरे दौड़ना। अर्थात धीमी या रुकी हुई गति से चलना है। इसलिए यह हाई इम्पैक्ट एक्सरसाइज है। हालांकि यह जॉइंट पर दबाव डालता है, खासकर घुटनों पर। बिना किसी शारीरिक नुकसान के उस एरोबिक रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और फिजिकल एप्टीट्युड की क्षमता को बढ़ाने में जॉगिंग एक्सरसाइज बहुत मददगार है जो बहुत इंटेंस एक्सरसाइज से मिलता है। यह रिकवरी के लिए एकदम सही है।

उन लोगों के लिए जॉगिंग की सलाह दी जाती है जो मीडियम इंटेंसिटी वाले एरोबिक एक्सरसाइज करना चाहते हैं और इंटेंस एक्सरसाइज नहीं करना चाहते हैं।

जॉगिंग किसी भी उम्र में कई तरह के सेहत से जुड़े फायदे देती है। हालांकि हाई इम्पैक्ट फिजिकल एक्टिविटी को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है वरना जोखिम उठाना पड़ सकता है। इस मामले में निचले अंगों में चोट या कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां हो सकती हैं।

शरीर में बेहतर ऑक्सीजन अवशोषण, अच्छे कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल की मात्रा में बढ़ोतरी, ट्राइग्लिसराइड्स में कमी और रक्तचाप को कम करने के जरिये हृदय की कार्यक्षमता और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में सुधार
प्लेटलेट कंसंट्रेशन को कम करता है और फाइब्रिनोलिटिक एक्टिविटी को बढ़ाता है, जो रोग संबंधी थक्के को रोकता है

रनिंग क्या है?
जब हम रनिंग की बात करते हैं, तो हमारा मतलब है ठोस तकनीकों का पालन करते हुए विशिष्ट उद्देश्यों के साथ प्लान के अनुसार ट्रेनिंग में भाग लेना। दूसरे शब्दों में एक्सरसाइज में भाग लेना।

रनिंग में हाई इपैक्ट इंटेंस एरोबिक एक्सरसाइज शामिल है जिसमें आप लगभग 10 मिनट प्रति मील तक की स्पीड से दौड़ते हैं। इसका मतलब है, एक मील दौड़ने में अधिकतम 10 मिनट लगते हैं।

कार्डियोरेस्पिरेटरी टॉलरेंस को बढ़ाते हुए हड्डी, जॉइंट और हृदय की सेहत में मदद करता है। मांसपेशियों को मजबूती और शरीर (कोर) के बीच वाले हिस्से में फाइबर टोन को बढ़ाना। वजन बनाए रखने में मदद करता है और वजन घटाने को बढ़ावा देता है।

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