डबल मास्‍क से 91 फीसदी तक ओमिक्रॉन से सुरक्षा, WHO ने बताया मास्‍क पहनने का सही तरीका

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दनिया भर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी लहर की संभावना जनवरी के आखिरी सप्‍ताह और फरवरी के पहले सप्‍ताह में जताई जा रही है। ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैल रहा है लेकिन मरीज उतनी ही तेजी से ठीक हो रहे हैं। संभावना जताई जा रही है एक बार सभी लोग इसकी चपेट में आएंगे। लेकिन सावधानी बरतने पर इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है। जहां पहली लहर में सिर्फ मास्‍क लगाने की सलाह दी जा रही थी, दूसरी लहर में डबल मास्‍क लगाने की सलाह दी जा रही थी लेकिन तीसरी लहर में डबल मास्‍क या एन 95 मास्‍क लगाने की सलाह दी जा रही है।

हॉन्‍ग-कॉन्‍ग के वैज्ञानिकों ने कहा कि ओमिक्रॉन से बचने के लिए डबल मास्‍क पहने। इस नए वैरिएंट से बचने के लिए डबल मास्‍क पहनना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना से लड़ाई में डबल मास्‍क 91 फीसदी तक सुरक्षित है। डबल मास्‍क उन लोगों को विशेष रूप से लगाना चाहिए जिन्‍हें जो आए दिन किसी न किसी काम से कोविड मरीजों के संपर्क में आते हैं।


माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट यूएन क्‍वोक-यूंग के मुताबिक गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को डबल मास्‍क लागना बहुत जरूरी है। साथ ही सार्वजनिक स्‍थलों पर काम कर रहे लोगों के लिए भी डबल मास्‍क बहुत जरूरी है।  

चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग-कॉन्ग के प्रोफेसर डेविड हुइ के मुताबिक, मास्क लगाने पर मुंह के दोनों तरफ गैप बनने से या मास्क के ढीले होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कंटेनमेंट जोन, अस्पतालों या भीड़-भाड़ वाले इलाकों में दो मास्क पहनने चाहिए। 

जानें कौन से दो मास्‍क एक साथ पहने ?  

अमेरिकी हेल्‍थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक पहले सर्जिकल मास्‍क पहने इसके बाद कपड़े का मास्‍क पहने। इससे यह सुविधा होगी कि सर्जिकल मास्‍क के आसपास बारिक छेद या गैप होगी तो वह छिप जाएगी। और आसानी से बारीक पार्टिकल्‍स अंदर नहीं जा सकेंगे।

गौरतलब है कि इन दिनों बाजार में तीन तरह के मास्‍क उपलब्‍ध है। कपड़ा, सर्जिकल और एन95 मास्‍क। विशेषज्ञों द्वारा एन95 मास्‍क पहनने की सलाह दी जा रही है। वायरस को रोकने के लिए इसे सबसे अधिक कारगर माना जा रहा है। क्‍योंकि वह आपकी स्किन से पूरी तरह से चिपक जाता है। और उसमें जरा भी हवा और बारीक पार्टिकल के जाने की संभावना नहीं बचती है। वह 95 फीसदी तक हवा में कणों को रोकने सक्षम है। वहीं सर्जिकल मास्‍क 85 फीसदी तक कारगर है और कपड़े के मास्‍क सिर्फ 30 फीसदी से 60 फीसदी तक ही कारगर है।

मास्‍क पहनने में ये गलती नहीं करें -

दो सर्जिकल मास्‍क एक साथ पहनने का कोई मतलब नहीं है। क्‍योंकि असापास और नाक के उपर गैप बरकरार रहेगी। वहीं सीडीसी के मुताबिक सिर्फ एन 95 मास्‍क पहनने पर अन्‍य मास्‍क पहनने की जरूरत नहीं है।

जानें किस तरह करें मास्‍क को डिस्‍पोज

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मास्क को खुले में फेंकने से पहले कम से कम 72 घंटों तक मास्‍क के टुकड़ें कर पेपर बैग में रखें। इससे मास्क के जरिए संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)से जानें मास्क इस्तेमाल करने का सही तरीका

मास्क छूने से पहले साबुन से हाथ धोएं या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
मास्क इस तरह पहने जिससे आपकी नाक, मुंह और चिन पूरी तरह ढक जाए।
एक बार मास्क पहन लेने पर उसे दोबारा छूने से बचें। अगर छूते हैं, तो तुरंत हाथ धोएं।
मास्क को हमेशा पीछे से पकड़ कर उतारें।
सिंगल यूज मास्क का इस्तेमाल करके उन्हें एक ही बार में डिस्पोज करें। दूसरे तरह का मास्क है, तो उपयोग के बाद तुरंत धोएं।
मास्क छूने से पहले साबुन से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
 

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