अगर आपकी उम्र 20 की है तो आप अपनी हेल्थ डायरी में आपको बचपन और किशोरावस्था के दौरान लगे टीकों के बारे में भी लिख सकते हैं। 30 साल के होने पर अपनी डाइट में किए बदलाव के बारे में लिखें। इस हेल्थ डायरी में आपने यदि अपनी कोई आदत, जैसे धूम्रपान करना छोड़ी हो, तो उसे भी जरूर लिखें। 40 में प्रवेश करने पर अपने सभी हेल्थ चेक-अप के बारे में लिखें कि आपने अंतिम बार कब कौन-सा चेकअप करवाया था।
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इस डायरी का एक फायदा यह भी है कि जिन दवाइयों से आपको एलर्जी है, डॉ. आपको उन्हें लेने का सुझाव नहीं देंगे।
एक वरिष्ठ डॉक्टर बताते हैं कि एक बार एक पेशेंट मेरे पास त्वचा संबंधी किसी रोग के लिए आए और उन्होंने मुझे अपनी हेल्थ डायरी दिखाई जिससे मुझे पता चला कि उन्हें ग्लूटन इंनटॉल्रेंस की समस्या हो चुकी है। इससे मुझे उनकी समस्या का पता लगाने में आसानी हुई। यह पता चला कि यह त्वचा संबंधी समस्या उन्हें भोजन से एलर्जी के कारण हुई है। वे कहते हैं कि हेल्थ डायरी से आपके शारीरिक व्यवहार को पहचानना आसान हो जाता है।
क्या आप भी अपने प्रिस्क्रिप्शन फेंक देते हैं, अगर हां तो पढ़ें अगले पेज पर....
डॉक्टर कहते हैं कि लोग अक्सर कुछ समय बाद प्रिस्क्रिप्शन गंवा देते हैं या फेंक देते हैं लेकिन लोगों को डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन भी फाइल करके रखना चाहिए और हेल्थ डायरी भी बनाना चाहिए। इस डायरी को रोज अपडेट करने की जरूरत भी नहीं है। आप जब भी मेडिकल चेक-अप कराएं या डाइट में कोई फेरबदल करें, तब लिख दें। हेल्थ डायरी की मदद से आप अपने मेडिकल प्रोफाइल को भी याद रख सकेंगे।
बहुत से लोगों से पूछा जाता कि आपको अंतिम बार कब ब्लड प्रेशर की समस्या हुई थी तो वे बता नहीं पाते हैं। यह समस्या 10 या 15 साल पुरानी भी हो सकती है।
अगर आपने इसे हेल्थ डायरी में लिखा हुआ हो तो आप आसानी से बता सकते हैं। इस हेल्थ डायरी में आपको मेडिकल की विशिष्ट शब्दावली में लिखने की जरूरत नहीं है। इसे आप साधारण भाषा में ही लिखें, जिसे आप आसानी से समझ सकें। इस डायरी में अधिक विस्तार से लिखने की भी जरूरत नहीं है। तो फिर देर किस बात की? आज ही बना डालिए अपनी हेल्थ डायरी!