जानें किन विकारों में उपयोगी है ध्यान

Webdunia
सोमवार, 27 अक्टूबर 2014 (11:33 IST)
मनुष्य का जीवन व्याधि और उपाधि इन दो दिशाओं में चलता है। व्याधि का तात्पर्य शारीरिक कष्ट और उपाधि का भावनात्मक कष्ट है और यह तीनों कभी-कभी एक साथ होते हैं। इन्हीं का तोड़ है भावातीत ध्यान। जानें किन विकारों में उपयोगी है ध्यान-  



 
मन अशांत रहने पर उसके निष्क्रिय पड़े हुए भागों को उपयोग में लाने योग्य बनाता है।
 
अनुभव की क्षमता को सूक्ष्म करने की एक प्रक्रिया है ध्यान। 
 
यदि आपको भूलने की आदत है तो ध्यान आपके लिए बहुत उपयोगी है। 
 
गुस्सैल प्रवृत्ति के लोगों का मन शांत करने में कारगर है भावातीत ध्यान। 
 
निर्णय न ले पाने वाले भी इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं। 
 
हृदयरोग की रोकथाम के लिए उत्तम औषधि के समान है। 
 
 मन की चंचलता को नियंत्रित करता है। 
 
दीर्घायु बनाने में इसकी अहम उपयोगिता है। 
 
शांति, सामर्थ्य, संतोष, शांति, विद्वत्ता और सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है भावातीत ध्यान।
 
चाहें तो ध्यान के समय कुछ फूल आस-पास रखें, कोई सुगंधित वस्तु का छिड़काव कर दें, अगरबत्ती जला दें। 
 
रात्रि के भोजन से पहले ही ध्यान के लिए बैठें। प्रातःकाल सूर्योदय से पहले ध्यान करें। 
 
ढीले वस्त्र पहनकर ध्यान करें। 
 
महिलाएं यदि चाहें तो भावातीत ध्यान किसी शिक्षक के द्वारा भी सीख सकती हैं। चाहें तो मेडिटेशन सेंटर में भी आप इसे सीख सकती हैं। 
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