कब्ज व कफ के रोग में लाभकारी है। गरिष्ठ पदार्थ को आसानी से पचाता है। पपीते के सेवन से वात का शमन होता है तथा यह अपावायु को शरीर से बाहर करता है।
कच्चे पपीते से बनी लुगदी का लेप करने से घाव जल्दी भर जाता है। हृदय, नाड़ियों तथा पेशियों की क्रिया ठीक रखने में सहायक है। त्वचा व नेत्र स्वस्थ रखने में उपयोगी है। पपीता के नियमित उपयोग से शरीर में इन विटामिनों की कमी नहीं रहती। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो बहुत ही पाचक होता है। यह पेप्सिन प्राप्त करने का एकमात्र साधन है।
पपीते में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है, जो रक्त एवं तंतुओं के निर्माण एवं हृदय, नाड़ियों तथा पेशियों की क्रिया ठीक रहने में सहायक होता है। बच्चों की वृद्धि में और रोगों से बचाव की क्षमता बढ़ाने में भी विटामिन 'ए' की आवश्यकता रहती है।