निसंदेह कॉन्टेक्ट लैंस लगाने से चश्मे से मुक्ति तो मिल जाती है किंतु सावधानीपूर्वक लैंस का इस्तेमाल न करने पर आंखों को क्षति भी पहुंच सकती है। दरअसल, आंखों के कॉर्निया को भी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जब हम जगे रहते हैं तब कॉर्निया हवा से ऑक्सीजन लेता है और जब सो रहे होते हैं तब पलकों के टिशुओं से इसे ऑक्सीजन मिलती है अतः हमेशा कॉन्टेक्ट लैंस पहनकर रखने से कॉर्निया को ठीक तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। ऐसे में कॉर्निया में कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है।
एकंथामीबा इंफेक्शन लैंस को निकालने के कई घंटों के बाद सिरदर्द, ऑंखों में दर्द, खुजली, आंखों के आसपास लाली उत्पन्न होना जैसी समस्या दिखाई दे तो एकंथामीबा इंफेक्शन समझना चाहिए। यदि इस इंफेक्शन पर समय पर ध्यान न दिया गया तो यह शरीर के दूसरे हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि त्वचा और दिमाग तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में आप तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
बैक्टीरियल केराटाइटिस कॉर्निया का सुरक्षा तंत्र किसी भी सूक्ष्म जीव को अंदर जाने नहीं देता है। कॉन्टेक्ट लैंस की सही ढंग से साफ-सफाई न होने पर कॉर्निया में इंफेक्शन कर सूक्ष्मजीव कॉनिया में प्रवेश कर जाते हैं। इससे कॉर्निया में छिद्र, घाव, फंगल इंफेक्शन हो सकता है। कॉर्निया के बीचोबीच किया गया हमला काफी खतरनाक होता है। इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
आंखों में लाली, आंखों से तरल पदार्थ निकलना व लगातार खुजली। ऐसे लक्षण कंजंक्टिवाइटिस या सुपीरियर केराटो कंजंक्टिवाइटिस के कारण हो सकते हैं। दोनों समस्याएँ कॉर्निया पर घाव का स्थायी निशान छोड़ सकता है। इसे दूर करने के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है।
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ऐसे करें कॉन्टेक्ट लैंस का इस्तेमाल
- कॉन्टेक्ट लैंस के साथ दिए निर्देशों का सही तरीके से पालन करें।
- लैंस को साफ करने के पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
- लैंस को सॉल्यूशन में पूरी तरह से डूबा हुआ रखें।
- लैंस केस की भी सफाई करें।
- लैंस को अच्छे ब्रांड के क्लिनर्स से नियमित साफ करें।
- अपनी मर्जी के लैंस केयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें।
- कॉस्मेटिक लोशन, क्रीम, स्प्रे आदि से लैंस को टच न होने दें।
- रात को सोते वक्त लैंस न पहनें।
- तैरते वक्त लैंस न पहनें।
- अपने लैंस न किसी को दें, न किसी से लें।
- लैंस को अधिक गरम और अधिक ठंडी जगह पर न रखें।
- लैंस साफ करने के बाद गीला न रखें, नमी में सूक्ष्मजीव पनपने का भय रहता है।