आगस्ता स्थित जॉर्जिया रीजेंट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया है। जिसमें उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि खाने में नमक की अधिक मात्रा से शरीर की कोशिकाओं का क्षय होता है और ये समय से पहले ही बूढ़ी हो जाती हैं। जबकि खाने में नमक की कम मात्रा कोशिकाओं की एजिंग प्रोसेस को धीमी कर देती है। यह तथ्य ऐसे लोगों के मामले में अधिक प्रभावी होता है जोकि मोटे होते हैं या जिनका वजन ज्यादा होता है। यह बात पहले से सिद्ध की जा चुकी है कि क्रोमोसोम्ज के संरक्षात्मक छोरों को टेलोमेयर्स नाम से जाना जाता है और वे आयु के बढ़ने के साथ-साथ छोटे छोटे हो जाते हैं। इनके आकार में कमी तब और भी देखी जा सकती है कि संबंधित व्यक्ति धूम्रपान करता हो, शारीरिक व्यायाम न करता हो और उसके शरीर में बॉडी फैट (वसा) अधिक हो।
लेकिन यह पहला अध्ययन है जिसमें नमक के खाने के टेलोमेयर की लंबा ई पर असर का अध्ययन किया गया। डेली मेल ऑन लाइन में प्रकाशित एम्मा आइन्स के एक लेख में बताया गया है कि अध्ययन के तहत 766 लोगों को छांटा गया जिनकी आयु 14 वर्ष और 18 वर्ष के बीच थी।
इन लोगों के समूहों को उनकी नमक की खुराक के आधार पर कई वर्गों में बांट दिया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि बहुत अधिक नमक खाने वाले मोटे किशोरों के टेलोमेयर्स बहुत अधिक छोटे थे जबकि जो नमक नहीं खाते थे उनके टेलोमेयर्स काफी बड़े थे। लेकिन उन्होंने यह भी पाया कि स्वस्थ वजन वाले किशोरों में सोडियम की खुराक का उनके टेलोमेयर्स की लंबाई पर असर नहीं पड़ा।