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मानसून में क्यों बढ़ जाता है आई फ्लू का खतरा, जानिए लक्षण और ऐसे करें बचाव

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हमें फॉलो करें Can Anemia Affect Eyesight

WD Feature Desk

, मंगलवार, 24 जून 2025 (18:09 IST)
Eye Flu Symptoms in Hindi: जैसे ही मानसून की पहली फुहारें पड़ती हैं, गर्मी से तो राहत मिलती है, लेकिन साथ ही अपने साथ कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी लाती हैं। इन्हीं में से एक आम और परेशान करने वाली समस्या है आई फ्लू, जिसे कंजंक्टिवाइटिस या 'आंख आना' भी कहा जाता है। मानसून के दौरान आई फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जाती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण, लक्षण और इससे बचाव के प्रभावी तरीके।

मानसून में क्यों बढ़ जाता है आई फ्लू का खतरा?
मानसून का मौसम अपने साथ नमी और गर्माहट लेकर आता है, जो बैक्टीरिया और वायरस के पनपने के लिए एकदम सही माहौल है। हवा में बढ़ी हुई आर्द्रता, ठंडे तापमान के साथ मिलकर, इन सूक्ष्मजीवों को आसानी से फैलने का मौका देती है।
  • बढ़ती नमी: मानसून में हवा में नमी का स्तर बढ़ जाता है। यह नमी वायरस और बैक्टीरिया को लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करती है, जिससे उनके फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • संक्रमण का आसान प्रसार: बारिश के पानी और गंदगी के कारण आसपास का वातावरण दूषित हो सकता है। लोग अक्सर अपनी आंखों को छूते हैं और यदि उनके हाथ संक्रमित हों, तो यह संक्रमण आसानी से फैल सकता है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक स्थानों पर इसका प्रसार और भी तेजी से होता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weakened Immune System): बदलते मौसम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली थोड़ी कमजोर हो सकती है, जिससे व्यक्ति संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
  • पानी का जमाव: जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छर और मक्खियां भी बढ़ जाती हैं, जो परोक्ष रूप से संक्रमण फैलाने में मदद कर सकती हैं।
 
आई फ्लू के लक्षण:
आई फ्लू के लक्षण आमतौर पर एक या दो दिन में दिखाई देने लगते हैं और कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक रह सकते हैं। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
  • आंखों का लाल होना (Red Eyes): यह सबसे आम और स्पष्ट लक्षण है। आंखें गुलाबी या लाल दिखाई देती हैं।
  • आंखों में खुजली (Itching in Eyes): आंखों में लगातार खुजली महसूस होना।
  • आंखों में जलन (Burning Sensation): ऐसा महसूस होता है जैसे आंखों में कुछ चला गया हो।
  • पानी आना (Watery Eyes): आंखों से लगातार पानी आना या आंसू निकलना।
  • कीचड़ आना (Discharge): सुबह उठने पर आंखों में चिपचिपा स्राव (पीला या सफेद) जमा होना, जिससे पलकें चिपक सकती हैं।
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता (Light Sensitivity): तेज रोशनी से आंखों में तकलीफ होना।
  • पलकों में सूजन (Swollen Eyelids): पलकें सूजी हुई और भारी महसूस होना।
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आई फ्लू से बचाव के उपाय (Prevention Tips):
आई फ्लू से बचाव के लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं:
  • हाथों को बार-बार धोएं (Frequent Hand Washing): अपने हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं, खासकर अपनी आंखों को छूने से पहले।
  • आंखों को छूने से बचें (Avoid Touching Eyes): अपनी आंखों को बार-बार छूने या रगड़ने से बचें।
  • व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें (Do Not Share Personal Items): तौलिए, रुमाल, चश्मा, मेकअप या किसी भी व्यक्तिगत वस्तु को दूसरों के साथ साझा न करें।
  • स्वच्छता बनाए रखें (Maintain Hygiene): अपने आसपास और विशेष रूप से अपने रहने की जगह पर स्वच्छता बनाए रखें।
  • बारिश के पानी से बचें (Avoid Rainwater): बारिश के दूषित पानी को सीधे अपनी आंखों के संपर्क में आने से बचाएं।
  • काला चश्मा पहनें (Wear Sunglasses): यदि आप संक्रमित हैं, तो काला चश्मा पहनने से न केवल आपकी आंखों को आराम मिलेगा बल्कि दूसरों में संक्रमण फैलने का खतरा भी कम होगा।
  • आंखों को साफ करें (Clean Eyes): यदि आपको आई फ्लू के लक्षण महसूस होते हैं, तो अपनी आंखों को हल्के गर्म पानी या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आई ड्रॉप से ​​नियमित रूप से साफ करें।
  • डॉक्टर से सलाह लें (Consult a Doctor): यदि लक्षण गंभीर हों या कुछ दिनों में सुधार न हो, तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) से संपर्क करें। स्व-चिकित्सा से बचें।
मानसून का मौसम भले ही खुशनुमा हो, लेकिन अपनी आंखों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। स्वच्छता और सतर्कता से आप आई फ्लू के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अपनी आंखों को स्वस्थ रखें और मानसून का आनंद लें!

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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