छोटे मानवीय अंगों को विकसित कर सकती है नई रोबोटिक प्रणाली

Webdunia
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी स्वचालित रोबोटिक प्रणाली विकसित की है, जो छोटे मानवीय अंगों को तेजी से विकसित कर सकती है। ऐसे अंगों का इस्तेमाल चिकित्सा शोध और दवाओं के परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
 
बायोमेडिकल शोध के लिए कोशिकाओं को विकसित करने का परंपरागत तरीका नियंत्रित परिस्थितियों में कोशिकाओं को सपाट और 2 आयामी चादर के रूप में विकसित करना है। हाल के वर्षों में शोधकर्ता स्टेम सेल को और अधिक जटिल, थ्रीडी ढांचे में विकसित करने में सफल रहे हैं।
 
इन्हें छोटे अंग या ऑर्गेनॉइड कहा जाता है। ये अल्पविकसित अंगों की तरह होते हैं और उसी तरह काम करते हैं। इन गुणों के कारण ऑर्गेनॉइड बायोमेडिकल शोध के लिए आदर्श होते हैं। हालांकि इस तरह के अंगों को बड़े पैमाने पर विकसित करना एक चुनौती है। 
 
'सेल स्टेम सेल' नाम के जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने स्टेम सेल को ऑर्गेनॉइड के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया को स्वचालित बनाने के लिए रोबोटिक प्रणाली का इस्तेमाल किया है। वयस्क स्टेम सेल के साथ इस तरह के प्रयास सफल रहे हैं लेकिन यह पहली बार है, जब प्लूरिपोटेंट स्टेम सेल से ऑर्गेनॉइड का सफल स्वचालित उत्पादन संभव हुआ है। इस किस्म की कोशिका से किसी भी तरह का अंग विकसित किया जा सकता है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या लैपटॉप गोद में रखने से महिलाओं को होती है फर्टिलिटी की समस्या? जानें कारण

गर्मियों में खुजली और रैशेज से बचाएगा नारियल से बना प्राकृतिक साबुन

टैनिंग हटाने में असरदार हैं चुकंदर से बने ये 5 फेस मास्क

वीगन डाइट लेने से शरीर में हो सकती है पोषक तत्वों की कमी

कैसे जानें कि आप हेल्दी हैं या नहीं? आयुर्वेद बताता है स्वस्थ रहने के ये 5 लक्षण

एक रात में देख डालते हैं पूरी सीरीज? आपकी लाइफ की इन 5 चीज़ों पर पड़ता है असर

50 के बाद भी दिखें खूबसूरत! मेकअप के ये 3 टिप्स झुर्रियों का मिटा देंगे नामों निशान

ये संकेत बताते हैं कि आपके रिलेशनशिप में बढ़ गई हैं गलतफहमियां, जानें इससे डील करने के तरीके

नई-नई शादी हुई है तो जरूर अपनाएं ये टिप्स, मैरिड लाइफ बन जाएगी बेहतरीन

खरबूजा क्रश कैसे बनाएं, नोट करें आसान विधि

अगला लेख