चॉकलेट की जिद बना सकती है हिंसक

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हर दिन बच्चों की जिद पूरा करना उनके भविष्य से खिलवा़ड़ करना है। रोजाना बच्चों की चॉकलेट और मिठाई की जिद पूरी करना उनको युवा अवस्था में हिंसक बना सकता है। यह बात शोधकर्ताओं ने अपने शोध में प्रमाणित की है। बच्चे की तंग करने की आदत से परेशान होकर अक् सर माता-पिता उनकी माँग पूरा करते हैं।

कारडिफ यूनिवर्सिटी के डॉ. सिमन मॉर के मुताबिक माता-पिता अपने बच्चे की बचपन की माँग पूरा करके उनको झग़ड़ालू इंसान बनाने में मदद करते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि उनका बच्चा एक दिन जेल की हवा खा सकता है।

सिमन का यह अध्ययन उन लोगों पर किया गया है जो 1970 में दस साल की उम्र के थे और उस समय वह अपने पेरे ंट् स से मीठा खाने या चॉकलेट खाने की जिद करते थे। यह बच्चे 29 से 34 साल की उम्र में 69 फीसदी हिंसक हो गए थे।

ब्रिटीश जर्नल ऑफ फिजिएट्री रिपोर्ट के मुताबिक दस साल की उम्र में जो बच्चे मीठा या चॉकलेट खाने की जिद नहीं करते थे वह हिंसक बच्चों की तुलना में 42 फीसदी कम जुर्म करते थे। अध्ययन के दौरान डॉ. मूर ने माता-पिता को हिदायत दी की अपने बच्चों को मिठाइयाँ और चॉकलेट देने की जिद को पूरा करना बंद कर दें और जरूरी नहीं है कि बच्चे की हर जिद को पूरा किया जाए।

उन्होंने अध्ययन में पाया कि जिद पूरा करने से बच्चा हिंसक बन जाता है। अध्ययन में पाया कि बच्चे की जिद पूरी करने पर उसे खुशी हासिल होती है जो उसे इम्पल्सीव नेचर का इंसान बना देती है।

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