मध्यप्रदेश में एड्स:फैक्ट फाइल

विश्व एड्स दिवस पर विशेष

Webdunia
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मध्यप्रदेश में एड्स का पहला प्रकरण 1988 में मिला था। तब से अब तक करीब 3 हजार लोग इसका शिकार हो चुके हैं। दो दशकों और तमाम जागरूकता कार्यक्रमों के बाद भी समाज इस संक्रमण के प्रति संवेदनशील नहीं हुआ है।

इस संक्रमण के साथ जीने वाले न केवल तिरस्कार पाते हैं, बल्कि अपने भी उनका साथ छो़ड़ देते हैं। ऐसे लोग खुद अपना सहारा बन रहे हैं। भोपाल में 338 लोगों ने एक संगठन 'भोपाल नेटवर्क ऑफ पीपुल्स लिविंग विद एचआईवी-एड्स' बनाया है। शाहजहाँनाबाद में गोलघर के पास हिकमत टॉवर में लगने वाला इस नेटवर्क का कार्यालय असल में एचआईवी के साथ जी रहे लोगों के लिए सहायता पाने का ब़ड़ा केन्द्र हैं।

जीने की आस छो़ड़ चुके कई लोगों ने यहाँ आ कर जीवन ऊर्जा पाई है। नेटवर्क के कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि संगठन से जु़ड़े अधिकांश लोग मध्यम वर्ग से हैं। इस संक्रमण के कारण इनके मित्र तो ठीक परिजनों ने भी नाता तो़ड़ लिया था, लेकिन फिर समझाइश के बाद इनके प्रति वातावरण बदला है। संगठन में हर माह बैठक होती है जिसमें सभी लोग मिल कर एक दूसरे की समस्या हल करते हैं। यहाँ आ कर संक्रमित व्यक्ति हर तरह की उलझन दूर कर सकता है और लंबा जीवन जीने के लिए दवाइयाँ पा सकता है। जरूरत प़ड़ने पर संक्रमित व्यक्ति के घर जा कर परिजनों और मित्रों को समझा कर सकारात्मक स्थितियाँ बनाई जाती हैं।

एक है मनीष
ऐसा ही एक किरदार मनीष है, जो पिछले सा़ढ़े पाँच सालों से एचआईवी पॉजीटिव है। मनीष उज्जैन में स्वयंसेवी संस्था साथी के साथ जु़ड़ कर काम कर रहे हैं। वह पीड़‍ितों से मिलते हैं और कहते हैं कि मुझे भी आपकी तरह एड्स है। उन्होंने दस सदस्यीय सपोर्ट ग्रुप बनाया है, जो पीड़‍ितों को जागरूक करने, समाज में उनका तिरस्कार व बहिष्कार रोकने, उनके उपचार और पोषण के लिए काम करता है।

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करीब छह साल पहले भोपाल में जब उनकी जाँच हुई और मामला सामने आया तो पहले वे स्वीकार करने को तैयार ही न थे। डॉक्टर ने बताया कि वे कुछ ही दिनों के मेहमान हैं, यह सुन उन्होंने जीने की उम्मीद छो़ड़ दी। आत्महत्या तक करने का सोचा। ऐसे में उनकी माँ ने संबल दिया, कहा-'घबराने की जरूरत नहीं है। जो जिंदगी बची है अपने जैसे दूसरों की सेवा और मदद में लगाओ।' उनकी पत्नी ने भी साहसिक कदम उठाया और उनकी जागरूकता और सहयोग मुहिम से जु़ड़ गईं।

मध्यप्रदेश में एड्स: फैक्ट फाइल
प्रदेश में अक्टूबर 09 तक पाए गए कुल एचआईवी पॉजिटिव 19430
प्रदेश में अक्टूबर 09 तक एड्स पीड़‍ितों की कुल संख्या 3322
एचआईवी पॉजीटिव पुरूष 2362
एचआईवी पॉजीटिव महिला 960

वर्ष 2009 में अब तक मिले एचआईवी केसेस की वजह
वजह-मामले
असुरक्षित यौन संबंध387
पेरीनेटल10
इंजेक्शन10
अन्य-07
कुल414

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