Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कैंसर बढ़ाने वाले 6 खतरनाक फूड्स और उनके हेल्दी विकल्प: जानिए क्या खाना है और क्या नहीं

Advertiesment
हमें फॉलो करें cancer risk foods

WD Feature Desk

, मंगलवार, 10 जून 2025 (16:30 IST)
worst foods that are known to cause cancer: आज के समय में हम अपनी लाइफस्टाइल को लेकर तो सजग हो गए हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो खाना आप रोज़ खा रहे हैं, वो आपके शरीर में जहर की तरह धीरे-धीरे असर कर रहा है? कैंसर, जो एक जानलेवा बीमारी है, उसके कई कारणों में से एक है आपका खानपान। दुनिया भर में हुए कई शोध इस बात को साबित कर चुके हैं कि कुछ प्रोसेस्ड, केमिकल युक्त और डीप फ्राईड फूड्स लगातार खाने से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ये फूड्स न सिर्फ आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं, बल्कि शरीर में कैंसर सेल्स की ग्रोथ को भी बढ़ावा देते हैं।
 
इस लेख में हम बात करेंगे ऐसे 6 खतरनाक फूड्स के बारे में जो कैंसर का कारण बन सकते हैं, और साथ ही बताएंगे इनके स्मार्ट और हेल्दी विकल्प, ताकि आप स्वाद के साथ सेहत का भी ख्याल रख सकें। अगर आप सच में एक हेल्दी और लंबी ज़िंदगी चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
 
1. प्रोसेस्ड मीट
सॉसेज, सलामी, बेकन और हॉट डॉग जैसे प्रोसेस्ड मीट्स में सोडियम नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं ताकि ये लंबे समय तक खराब न हों। लेकिन जब ये केमिकल्स शरीर में जाते हैं, तो ये N-nitroso compounds बना सकते हैं, जो डायरेक्टली कैंसर से जुड़े हैं, खासकर कोलोरेक्टल कैंसर से।
अगर आप नॉनवेज पसंद करते हैं, तो ताजा चिकन, देशी मुर्गा, या मछली खाएं जिन्हें उबालकर, ग्रिल या भाप में पका कर खाया जा सकता है। इससे न केवल कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि यह दिल और पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है।
 
2. डीप फ्राइड फूड्स 
समोसे, भटूरे, पकोड़े, फ्रेंच फ्राइज या किसी भी चीज़ को तेल में बार-बार तलने से उसमें Acrylamide नामक रसायन बनता है, जो न्यूरोटॉक्सिक होता है और कैंसर की कोशिकाओं को एक्टिव कर सकता है। इसके अलावा, ट्रांस फैट और उच्च कैलोरी आपके वजन और इम्यून सिस्टम पर भी असर डालते हैं। इसकी बजाय एयर फ्रायर या बेकिंग का विकल्प अपनाएं। मूंग दाल चिल्ला, ओट्स टिक्की, रागी पैनकेक जैसे विकल्प न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि आपकी हेल्थ को भी सपोर्ट करते हैं। भुने चने और रोस्टेड मखाना भी अच्छा स्नैक विकल्प हैं।
 
3. पैकेज्ड स्नैक्स और नमकीन 
मार्केट में मिलने वाले चिप्स, कुरकुरे, नमकीन और बिस्कुट में अत्यधिक मात्रा में नमक, परिरक्षक (Preservatives), MSG और आर्टिफिशियल फ्लेवर होते हैं। ये सभी चीजें DNA म्यूटेशन और कैंसर सेल ग्रोथ में योगदान करती हैं। लगातार सेवन करने पर ये गैस्ट्रिक और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। घर का बना चिवड़ा, साबुत अनाज का लड्डू, बेक्ड स्नैक्स, या मिश्रित दालों का हल्का नमकीन नाश्ता एक बेहतरीन हेल्दी ऑप्शन है। बच्चों को भी धीरे-धीरे हेल्दी विकल्पों की आदत डालें।
 
4. मीठा शीतल पेय (सॉफ्ट ड्रिंक्स) 
कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और फ्लेवर युक्त बोतलबंद जूस में भारी मात्रा में रिफाइंड शुगर, हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप, और कृत्रिम रंग होते हैं। ये शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस, मोटापा और अंततः पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म दे सकते हैं। ताजा फलों का नेचुरल जूस, नारियल पानी, नींबू शरबत, या सत्तू का ड्रिंक न केवल स्वादिष्ट हैं बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। फलों का सेवन पूरा करें, सिर्फ रस नहीं।
 
5. व्हाइट ब्रेड और रिफाइंड कार्ब्स 
मैदा से बने ब्रेड, पिज्जा, बर्गर और पेस्ट्रीज़ में फाइबर नहीं होता और ये तेजी से ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हैं, जिससे इंसुलिन स्पाइक होता है और कैंसर सेल्स को नरिशमेंट मिलता है। यह विशेष रूप से ब्रेस्ट और कोलन कैंसर से जुड़ा पाया गया है। होल ग्रेन ब्रेड, बाजरे की रोटी, जौ, रागी और ज्वार से बने प्रोडक्ट्स फाइबर युक्त होते हैं और शरीर में धीरे-धीरे पचते हैं। ये न केवल कैंसर से बचाते हैं, बल्कि डायबिटीज और मोटापे को भी दूर रखते हैं।
 
6. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और डाइट फूड्स 
अक्सर वजन घटाने के चक्कर में लोग डाइट कोक, लो-शुगर बिस्किट, और आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले प्रोडक्ट्स का सेवन करने लगते हैं। लेकिन इनमें मौजूद Aspartame और Saccharin जैसे केमिकल्स लंबे समय तक सेवन करने पर ब्रेन और ब्लैडर कैंसर से जुड़े पाए गए हैं। प्राकृतिक रूप से मीठा करने वाले तत्व जैसे शहद, गुड़, स्टीविया पत्तियां या खजूर (dates) का प्रयोग करें। इन्हें सीमित मात्रा में लेना सेहत के लिए सुरक्षित है। 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारतीय ज्ञान परंपरा में ध्यान के विभिन्न स्वरूप जानें