यह रुझान शक्तिशाली प्रबुद्ध वर्ग बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यह वर्ग इस बात को पूरी ताकत से प्रमाणित करने में लगा है कि 'अंगरेजी का जानना' ही हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है अगर नौकरी के अच्छे और उच्च अवसर पाने हैं तो अंगरेजी सीखना ही होगा।
आपकी सोच, आपकी प्रतिभा, आपकी लगन, आपकी कड़ी मेहनत, प्रबल इच्छा शक्ति और कार्य के प्रति समर्पण यहां कोई अस्तित्व नहीं रखता। अगर किसी चीज का वजूद है तो वह है अंगरेजी बोलना। जीवन में जितने लोग आगे बढ़े हैं और स्थापित हुए हैं वह सब अंगरेजी को जानने वाले ही हैं।
यहां तक कि हिन्दी माध्यम के स्कूल-कॉलेजों में भी आजक ल अंग्रेजी में तैयार पाठ्यक्रम का अनुवाद ही पढ़ाया जा रहा है।
इन दिनों इससे एक कदम आगे यह सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है इंटरनेट पर हिन्दी पीछे है और भविष्य में भी पीछे ही रहेगी क्योंकि उस पर अंगरेजी की तुलना में बेहतर पठनीय सामग्री का नितांत अभाव है जिसके चलते उसका अस्तित्व खतरे में हैं।
क्या आपको भी लगता है कि हिन्दी में स्तरीय सामग्री नहीं आ रही है और आगे भी नहीं आ सकती या आप हिन्दी के प्रति चिंतित है, या आपको लगता है कि हिन्दी ना कभी थकी है, ना थमी है और ना कभी थकेगी या थमेगी....आपके विचार बिना किसी शब्द सीमा के सादर आमंत्रित हैं ।