पुस्तक समीक्षा : हॉस्टल लाइफ की रोचक दास्तान सुनाती है the चिरकुट्स

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the चिरकुट्स के आमुख में ही इसके लेखक आलोक कुमार यह बता देते हैं कि इसकी कहानी दोस्ती और कालेज के आस-पास भटकने वाली है, जैसा हम इसके पहले भी कई कहानियों में पढ़ चुके हैं पर इसे पढ़ने के बाद यह लगता है कि इसकी बात ही कुछ अलग है। हर समय इसकी कहानी आपकी अपनी कहानी जैसी लगती है। यह किताब शुरु से लेकर आखिरी तक आपको बांधे रखती है। हर एक पेज पढ़ने के बाद मन करता है कि अगला पेज भी पढ़ लिया जाए यह एक नए लेखक के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसे हिन्द युग्म ब्लू ने प्रकाशित किया है और इसकी कीमत है मात्र 115 रुपए। 
 
इसकी कहानी शुरु होती है जब चार लड़के पहली बार कॉलेज में मिलते हैं। रैगिंग के दौरान हुई एक घटना इन्हें चिरकुट्स बना देती है और अंत तक यह अपनी चिरकुटई कायम रखने में कामयाब रहते हैं। बीच-बीच में कहानी कॉलेज से बाहर भी आती है और उस समय उसकी गति थोड़ी धीमी होती हुई सी महसूस होती है पर अगले ही चैप्टर में उसकी कमी पूरी हो जाती है। लगभग शुरु से लेकर आखिरी तक ऐसे पल आते रहते हैं जब आप अपने आप को अपनी हंसी पर काबू करने की नाकाम कोशिश करते हुए पाएंगे। चाहे वह पानी वाला प्रसंग हो अथवा दूध वाली घटना।
 
इसकी कई पंक्तियां लंबे समय तक याद रह जाती है... 
 
'कॉलेज कुछ और दे न दे, जिंदगी भर के लिए दोस्त जरूर देता है।' 
 
'ऐसा नहीं है कि कॉलेज में लड़के पढ़ने की कोशिश नहीं करते हैं। वे खूब कोशिश करते हैं, पर उनके कुछ दोस्त उनकी इस कोशिश पर अपनी ‘दोस्ती का वास्ता’ फेर देते हैं। बस उसी दोस्ती को निभाने के चक्कर में 90% लड़कों के 70% नंबर भी नहीं आ पाते और फिर सारा दोष कॉलेज के सिर पर मढ़ दिया जाता है।'
 
' हॉस्टल में अगर आप सबसे पहले नहा लें, तब भी आपको ट्रीट देनी पड़ सकती है।' 
 
'लड़कियां सिर्फ दो प्रकार की होती हैं-ब्यूटीफुल और वेरी ब्यूटीफुल।'  
 
 इस पुस्तक का नकारात्मक पहलू यह है कि इसका अंत बड़ी जल्दी में किया गया लगता है। पूरी किताब खत्म होने तक आप उससे इतना जुड़ चुके होते हैं कि मन कहता है काश इसकी कहानी थोड़ी और लंबी होती। कुछ एक जगह थोड़ी गलतियां हैं पर पहली किताब होने के नाते उन्हें माफ किया जा सकता है। कुछ पाठकों को यह भी लगेगा कि इसके कैरेक्टर्स को थोड़ा और विस्तार से बताया जा सकता था।
 
कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि यह एक बेहतरीन किताब है जो पढ़ी जानी चाहिए। हॉस्टल में रहने वाला हर लड़का इससे आसानी से जुड़ जाएगा। यह किताब हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो हॉस्टल में रह चुका है या फिर रहने की सोच रहा है या फिर उसका कोई रिश्तेदार हॉस्टल में रहता है।
 
पुस्तक : the चिरकुट्स
लेखक :  आलोक कुमार 
कीमत :  115 रुपए 
प्रकाशन : हिन्द युग्म ब्लू 

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