हिन्दी की राहों में फूल खिले यूनिकोड के आने से

Webdunia
यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट के पदार्पण ने इंटरनेट पर हिन्दी की यात्रा को सरल, सहज, और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वास्तव में यूनिकोड विश्व की सभी मानक लिखित भाषाओं में प्रयुक्त समस्त वर्णों की कोडिंग के लिए क्षमता प्रदान करता है। 
 
आज यूनिकोड की स्वीकृति संपूर्ण विश्व में है। यूनिकोड का आविर्भाव 1991 में हुआ। अक्टूबर 1991 में यूनिकोड का पहला संस्करण 1.0.0 जारी किया गया जिसमें 9 भारतीय लिपियाँ देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम तथा उड़िया शामिल की गई। यूनीकोड के आगमन के साथ ही कंप्यूटर भी इस आरोप से मुक्त हुआ कि वह सिर्फ अंग्रेजी के लिए बना है। 
 
यूनिकोड मानक विश्व की लिखित भाषाओं के लिए प्रयुक्त सभी वर्णों के कोडांतरण की क्षमता रखता है। यूनिकोड मानक वर्ण तथा उसके प्रयोग के संबंध में सूचना प्रदान करता है। व्यावसायी वर्ग, भाषाविद्, शोधकर्ता, गणितज्ञ तथा तकनीकी विशेषज्ञ जैसे कंप्यूटर प्रयोक्ताओं के लिए यूनिकोड मानक बहुत ही उपयोगी है। यूनिकोड के आगमन से हिन्दी में खोज करना आसान हुआ और साथ ही हिन्दी प्रेमियों की फॉन्ट पर निर्भरता समाप्त हुई। 

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

तमिलनाडु में नीट की वजह से क्यों हो रही हैं आत्महत्याएं

ऑनलाइन सट्टेबाजी और फैंटेसी गेम्स की लत से जूझ रहे भारतीय

नागपुर हिंसा के पीछे की सोच को समझना होगा

ड्रग सेंसस कराने की जरूरत क्यों पड़ी पंजाब सरकार को?

ट्रंप बोले, अमेरिका लेने जा रहा ग्रीनलैंड

सभी देखें

समाचार

UP : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, मेला देखने गई थी लड़की, 4 आरोपी गिरफ्तार

Coronavirus : महाराष्ट्र में कोरोना के 59 नए मामले, 1 व्यक्ति की मौत

Air India Plane Crash : अब Black Box बताएगा हादसे का सुराग, AAIB तय करेगा कहां डिकोड किया जाए