हिन्दी कविता : राष्ट्रभाषा की व्यथा

Webdunia
संजय जोशी 'सजग'
    
राष्ट्र भाषा की व्यथा
दु:ख भरी इसकी गाथा
 
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है
राजनीति से त्रस्त है
 
हिन्दी का होता अपमान
घटता है भारत का मान
 
हिन्दी दिवस पर्व है 
इस पर हमें गर्व है
सम्मानित हो राष्ट्रभाषा
सबकी यही अभिलाषा
 
सदा मने हिन्दी दिवस
शपथ लें, मनें पूरे बरस
 
स्वार्थ को छोड़ना होगा
हिन्दी से नाता जोड़ना होगा
 
हिन्दी का करे कोई अपमान
कड़ी सजा का हो प्रावधान
 
हम सब की यह पुकार
सजग हो हिन्दी के लिए सरकार...
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