हिन्दी भाषा के लिए विद्वानों के सुविचार

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स्वभाषा प्रेम, स्वदेश प्रेम और स्वावलंबन आदि ऐसे गुण हैं जो प्रत्येक मनुष्य में होने चाहिए। - रामजी लाल शर्मा
हिन्दी किसी के मिटाने से मिट नहीं सकती। - चंद्रबली पाण्डेय
 
भाषा की उन्नति का पता मुद्रणालयों से भी लग सकता है। - गंगाप्रसाद अग्निहोत्री
 
खड़ी बोली का एक रूपांतर उर्दू है। - बदरीनाथ भट्ट
 
हमारी भारत भारती की शैशवावस्था का रूप ब्राह्मी या देववाणी है, उसकी किशोरावस्था वैदिक भाषा और संस्कृति उसकी यौवनावस्था की सुंदर मनोहर छटा है। - बदरीनारायण चौधरी प्रेमधन
 
आर्यों की सबसे प्राचीन भाषा हिन्दी ही है और इसमें तद्भव शब्द सभी भाषाओं से अधिक है। - वीम्स साहब
 
जब तक मातृभाषा की उन्नति न होगी, तब तक संगीत की उन्नति नहीं हो सकती। - विष्णु दिगंबर
 
जिस प्रकार बंगाल भाषा के द्वारा बंगाल में एकता का पौधा प्रफुल्लित हुआ है उसी प्रकार हिन्दी भाषा के साधारण भाषा होने से समस्त भारतवासियों में एकता तरु की कलियाँ अवश्य ही खिलेंगी। - शारदाचरण मित्र
 
भाषा को लेकर विदेशी लोगों का अनुकरण न किया जाय। - भीमसेन शर्मा
 
भारतवर्ष के लिए देवनागरी साधारण लिपि हो सकती है और हिन्दी भाषा ही सर्वसाधारण की भाषा होने के उपयुक्त है। - शारदाचरण मित्र
 
देव, जगदेव, देश जाति की सुखद प्यारी, जग में गुणगारी सुनागरी हमारी है। - चकोर
 
भारत के एक सिरे से दूसरे सिरे तक हिन्दी भाषा कुछ न कुछ सर्वत्र समझी जाती है। - पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार
 
जापानियों ने जिस ढंग से विदेशी भाषाएँ सीखकर अपनी मातृभाषा को उन्नति के शिखर पर पहुँचाया है उसी प्रकार हमें भी मातृभाषा का भक्त होना चाहिए। - श्यामसुंदर दास
 
विचारों का परिपक्व होना भी उसी समय संभव होता है, जब शिक्षा का माध्यम प्रकृतिसिद्ध मातृभाषा हो और हमारी प्रकृति सिद्ध भाषा हिन्दी ही है।- पं. गिरधर शर्मा
 
किसी देश में ग्रंथ बनने तक वैदेशिक भाषा में शिक्षा नहीं होती थी। देश की भाषा में शिक्षा होने के कारण स्वयं ग्रंथ बनते गए हैं। - साहित्याचार्य रामावतार शर्मा
 
नागरीप्रचारिणी सभा के गुण भारी जिन तेरों देवनागरी प्रचार करि दीनो है। - नाथूराम शंकर शर्मा
 
जितना और जैसा ज्ञान विद्यार्थियों को उनकी जन्मभाषा में शिक्षा देने से अल्पकाल में हो सकता है; उतना और वैसा पराई भाषा में सुदीर्घ काल में भी होना संभव नहीं है। - घनश्याम सिंह
 
विदेशी भाषा में शिक्षा होने के कारण हमारी बुद्धि भी विदेशी हो गई है। - माधवराव सप्रे
 
मैं महाराष्ट्रीयन हूँ, परंतु हिन्दी के विषय में मुझे उतना ही अभिमान है जितना किसी हिन्दी भाषी को हो सकता है। - माधवराव सप्रे
 
मनुष्य सदा अपनी मातृभाषा में ही विचार करता है। इसलिए अपनी भाषा सीखने में जो सुगमता होती है दूसरी भाषा में हमको वह सुगमता नहीं हो सकती। - डॉ. मुकुन्दस्वरूप वर्मा
 
 
राष्ट्रीयता का भाषा और साहित्य के साथ बहुत ही घनिष्ट और गहरा संबंध है। - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
 
हिन्दी पर ना मारो ताना, सभा बतावे हिन्दी माना। - नूर मुहम्मद
 
आप जिस तरह बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह लिखा भी कीजिए। भाषा बनावटी नहीं होनी चाहिए। - महावीर प्रसाद द्विवेदी
 
हिन्दी भाषा की उन्नति के बिना हमारी उन्नति असम्भव है। - गिरधर शर्मा
 
भाषा ही राष्ट्र का जीवन है। - पुरुषोत्तमदास टंडन
 
देह प्राण का ज्यों घनिष्ट संबंध अधिकतर। है तिससे भी अधिक देशभाषा का गुरुतर। - माधव शुक्ल
 
जब हम अपना जीवन जननी हिन्दी, मातृभाषा हिन्दी के लिए समर्पण कर दें तब हम हिन्दी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - गोविन्ददास
 
नागरी प्रचार देश उन्नति का द्वार है। - गोपाललाल खत्री
 
देश तथा जाति का उपकार उसके बालक तभी कर सकते हैं, जब उन्हें उनकी भाषा द्वारा शिक्षा मिली हो। - पं. गिरधर शर्मा
 
राष्ट्रभाषा की साधना कोरी भावुकता नहीं है। - जगन्नाथप्रसाद मिश्र
 
 
अंग्रेजी सीखकर जिन्होंने विशिष्टता प्राप्त की है, सर्वसाधारण के साथ उनके मत का मेल नहीं होता। हमारे देश में सबसे बढ़कर भेद वही है। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
 
राष्ट्रभाषा की सेवा भगवान की पूजा है, आप पूजा में लग जाइए आपको भगवान की कृपा प्राप्त होगी और सफलतापूर्वक सारे मनोरथ पूर्ण होंगे। - चंद्रशेखर मिश्र
 
सिक्ख गुरुओं ने आपातकाल में हिन्दी की रक्षा के लिए ही गुरुमुखी रची थी। - संतराम शर्मा
 
हिन्दी जैसी सरल भाषा दूसरी नहीं है। - मौलाना हसरत मोहानी
 
ऐसे आदमी आज भी हमारे देश में मौजूद हैं जो समझते हैं कि शिक्षा को मातृभाषा के आसन पर बिठा देने से उसकी कीमत ही घट जाएगी। - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
 
हमारी हिन्दी को कामधेनु बनाना है। - चंद्रबली पांडेय
 
भारत के विभिन्न प्रदेशों के बीच हिन्दी प्रचार द्वारा एकता स्थापित करने वाले सच्चे भारत बंधु हैं। - अरविंद
 
मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी के अध्ययन में लगावें। - विनोबा भावे
 
हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। - स्वामी दयानंद
 
जैसे-जैसे हमारे देश में राष्ट्रीयता का भाव बढ़ता जाएगा वैसे ही वैसे हिन्दी की राष्ट्रीय सत्ता भी बढ़ेगी। - श्रीमती लोकसुन्दरी रामन्
 
 
जीवित भाषा बहती नदी है जिसकी धारा नित्य एक ही मार्ग से प्रवाहित नहीं होती। - बाबूराव विष्णु पराड़कर
 
हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है। - मैथिलीशरण गुप्त
 
हिन्दी भाषा और साहित्य ने तो जन्म से ही अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा है। - धीरेन्द्र वर्मा
 
बिना मातृभाषा की उन्नति के देश का गौरव कदापि वृद्धि को प्राप्त नहीं हो सकता। - गोविन्द शास्त्री दुगवेकर
 
राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है। - अवनींद्रकुमार विद्यालंकार
 
हिन्दी का काम देश का काम है, समूचे राष्ट्रनिर्माण का प्रश्न है। - बाबूराम सक्सेना
 
समस्त भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपि आवश्यक हो तो वह देवनागरी ही हो सकती है। - (जस्टिस) कृष्णस्वामी अय्यर
 
हिन्दी का पौधा दक्षिणवालों ने त्याग से सींचा है। - शंकरराव कप्पीकेरी
 
राष्ट्रभाषा हिन्दी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है। - अनंत गोपाल शेवड़े
 
हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है। - वी. कृष्णस्वामी अय्यर
 
राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है। - बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'
 
विदेशी भाषा का किसी स्वतंत्र राष्ट्र के राजकाज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिक दासता है। - वाल्टर चेनिंग
 
हिन्दी को तुरंत शिक्षा का माध्यम बनाइये। - बेरिस कल्यएव
 
अंग्रेजी सर पर ढोना डूब मरने के बराबर है। - सम्पूर्णानंद
 
देश को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए एक भाषा की आवश्यकता है और वह भाषा है हिन्दी। - सेठ गोविंददास
 
इस विशाल प्रदेश के हर भाग में शिक्षित-अशिक्षित, नागरिक और ग्रामीण सभी हिन्दी को समझते हैं। - राहुल सांकृत्यायन
 
समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिन्दी या हिन्दुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन
 
मुस्लिम शासन में हिन्दी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिन्दी पर। - चंद्रबली पांडेय
 
भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिन्दी है। - नलिनविलोचन शर्मा
 
जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह
 
यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिन्दी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय
 
अपनी सरलता के कारण हिन्दी स्वयं ही राष्ट्रभाषा हो गई है। - भवानीदयाल संन्यासी
 
यह कैसे संभव हो सकता है कि अंग्रेजी भाषा समस्त भारत की मातृभाषा के समान हो जाए? - चंद्रशेखर मिश्र
 
भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिन्दी भाषा का प्रचार है। - टी. माधवराव
 
हिन्दी हिन्द की, हम सबकी भाषा है। - र. रा. दिवाकर
 
यह संदेह निर्मूल है कि हिन्दी वाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
 
शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद
 
हमारी हिन्दी भाषा का साहित्य किसी भी दूसरी भारतीय भाषा से किसी अंश से कम नहीं है। - (रायबहादुर) रामरणविजय सिंह
 
वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। और हिन्दी इसमें समर्थ  है - पीर मुहम्मद मूनिस
 
भारतेंदु और द्विवेदी ने हिन्दी की जड़ें पाताल तक पहुँचा दी है, उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा। - शिवपूजन सहाय
 
यह निर्विवाद है कि हिन्दी भाषियों को उर्दू भाषा से कभी द्वेष नहीं रहा। - ब्रजनंदन दास
 
हिन्दी भाषा अपनी अनेक धाराओं के साथ प्रशस्त क्षेत्र में प्रखर गति से प्रकाशित हो रही है। - छविनाथ पांडेय
 
देवनागरी ध्वनिशास्त्र की दृष्टि से अत्यंत वैज्ञानिक लिपि है। - रविशंकर शुक्ल
 
हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है। - राहुल सांकृत्यायन
 
नागरी प्रचार देश उन्नति का द्वार है। - गोपाललाल खत्री
 
अंग्रेजी से भारत की रक्षा नहीं हो सकती। - पं. कृ. पिल्लयार
 
उसी दिन मेरा जीवन सफल होगा जिस दिन मैं सारे भारतवासियों के साथ शुद्ध हिन्दी में वार्तालाप करूँगा। - शारदाचरण मित्र
 
हिन्दी के ऊपर आघात पहुंचाना हमारे प्राणधर्म पर आघात पहुंचाना है। - जगन्नाथप्रसाद मिश्र
 
हिन्दी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री
 
हिन्दी और नागरी का प्रचार तथा विकास कोई भी रोक नहीं सकता। - गोविन्दवल्लभ पंत
 
भाषा विचार का परिधान है। - डॉ. जानसन
 
रामचरित मानस हिन्दी साहित्य का कोहिनूर है। - यशोदानंदन अखौरी
 
समाज के हर पथ पर हिन्दी का कारवाँ तेजी से बढ़ता जा रहा है। - रामवृक्ष बेनीपुरी
 
कवि सम्मेलन हिन्दी प्रचार के बहुत उपयोगी साधन हैं। - श्रीनारायण चतुर्वेदी
 
हिन्दी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - डॉ. राजेंद्रप्रसाद
 
देवनागरी अक्षरों का कलात्मक सौंदर्य नष्ट करना कहाँ की बुद्धिमानी है? - शिवपूजन सहाय
 
जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
 
कविता कामिनि भाल में हिन्दी बिन्दी रूप, प्रकट अग्रवन में भई ब्रज के निकट अनूप। - राधाचरण गोस्वामी
 
हिन्दी समस्त आर्यावर्त की भाषा है। - शारदाचरण मित्र
 
हिन्दी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। - कमलापति त्रिपाठी
 
मैं उर्दू को हिन्दी की एक शैली मात्र मानता हूँ। - मनोरंजन प्रसाद
 
हिन्दी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिए बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। - सुनीतिकुमार 
 
भारतवर्ष के लिए हिन्दी भाषा ही सर्वसाधारण की भाषा होने के उपयुक्त है। - शारदाचरण मित्र
 
जब हम अपना जीवन, जननी हिन्दी, मातृभाषा हिन्दी के लिए समर्पण कर दे तब हम उसके प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास
 
भाषा की समस्या का समाधान सांप्रदायिक दृष्टि से करना गलत है। - लक्ष्मीनारायण सुधांशु
 
भारतीय साहित्य और संस्कृति को हिन्दी की देन बड़ी महत्त्वपूर्ण है। - सम्पूर्णानन्द
 
हिन्दी के पुराने साहित्य का पुनरुद्धार प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति का पुनीत कर्तव्य है। - पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल
 
परमात्मा से प्रार्थना है कि हिन्दी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह
 
अहिन्दी भाषा-भाषी प्रांतों के लोग भी सरलता से टूटी-फूटी हिन्दी बोलकर अपना काम चला लेते हैं। - अनंतशयनम् आयंगार
 
हिंदुस्तान की भाषा हिन्दी है और उसका दृश्यरूप या उसकी लिपि सर्वगुणकारी नागरी ही है। - गोपाललाल खत्री
 
हिन्दी के द्वारा ही अखिल भारत की राष्ट्रीय एकता सुदृढ़ हो सकती है। - भूदेव मुखर्जी
 
हिन्दी का शिक्षण भारत में अनिवार्य ही होगा। - सुनीतिकुमार 
 
हिन्दी, नागरी और राष्ट्रीयता अन्योन्याश्रित है। - नन्ददुलारे वाजपेयी
 
देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी
 
हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है। - मैथिलीशरण गुप्त
 
भाषा, सभ्यता और देश की रक्षा करना सच्चा धर्म यज्ञ है। - ठाकुरदत्त शर्मा
 
अब हिन्दी ही माँ भारती हो गई है- वह सबकी आराध्य है, सबकी संपत्ति है। - रविशंकर शुक्ल
 
बच्चों को विदेशी लिपि की शिक्षा देना उनको राष्ट्र के सच्चे प्रेम से वंचित करना है। - भवानीदयाल संन्यासी
 
भाषा और राष्ट्र में बड़ा घनिष्ट संबंध है। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह
 
अगर उर्दूवालों की नीति हिन्दी के बहिष्कार की न होती तो आज लिपि के सिवा दोनों में कोई भेद न पाया जाता। - देशरत्न डॉ. राजेंद्रप्रसाद
 
हिन्दी भाषा की उन्नति का अर्थ है राष्ट्र और जाति की उन्नति। - रामवृक्ष बेनीपुरी
 
तलवार के बल से न कोई भाषा चलाई जा सकती है न मिटाई जा सकती है। - शिवपूजन सहाय
 
हिन्दी को राजभाषा करने के बाद पूरे पंद्रह वर्ष तक अंग्रेजी का प्रयोग करना पीछे कदम हटाना है।- राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन
 
भाषा राष्ट्रीय शरीर की आत्मा है। - स्वामी भवानीदयाल संन्यासी
 
संप्रति जितनी भाषाएं भारत में प्रचलित हैं उनमें से हिन्दी भाषा प्राय: सर्वत्र व्यवहृत होती है। - केशवचंद्र सेन
 
हिन्दी जिस दिन राजभाषा स्वीकृत की गई उसी दिन से सारा राजकाज हिन्दी में चल सकता था। - सेठ गोविंददास
 
हिन्दी भाषी प्रदेश की जनता से वोट लेना और उनकी भाषा तथा साहित्य को गालियाँ देना कुछ नेताओं का दैनिक व्यवसाय है। - (डॉ.) रामविलास शर्मा
 
जब एक बार यह निश्चय कर लिया गया कि सन् १९६५ से सब काम हिन्दी में होगा, तब उसे अवश्य कार्यान्वित करना चाहिए। - सेठ गोविंददास
 
जिसका मन चाहे वह हिन्दी भाषा से हमारा दूर का संबंध बताए, मगर हम बिहारी तो हिन्दी को ही अपनी भाषा, मातृभाषा मानते आए हैं। - शिवनंदन सहाय
 
उर्दू का ढांचा हिन्दी है, लेकिन सत्तर पचहत्तर फीसदी उधार के शब्दों से उर्दू दाँ तक तंग आ गए हैं। - राहुल सांकृत्यायन
 
मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती। भगवान भारतवर्ष में गूँजे हमारी भारती। - मैथिलीशरण गुप्त
 
अंग्रेजी हमें गूँगा और कूपमंडूक बना रही है। - ब्रजभूषण पांडेय
 
लाखों की संख्या में छात्रों की उस पलटन से क्या लाभ जिनमें अपनी भाषा में एक प्रार्थनापत्र लिखने की भी क्षमता नहीं है। - कंक
 
मैं राष्ट्र का प्रेम, राष्ट्र के भिन्न-भिन्न लोगों का प्रेम और राष्ट्रभाषा का प्रेम, इसमें कुछ भी फर्क नहीं देखता। - र. रा. दिवाकर
 
देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्वयं सिद्ध है। - महावीर प्रसाद द्विवेदी
 
हिमालय से सतपुड़ा और अंबाला से पूर्णिया तक फैला हुआ प्रदेश हिन्दी का प्रकृत प्रांत है। - राहुल सांकृत्यायन
 
किसी राष्ट्र की राजभाषा वही भाषा हो सकती है जिसे उसके अधिकाधिक निवासी समझ सके। - (आचार्य) चतुरसेन शास्त्री
 
हिन्दी भाषा हमारे लिए किसने बनाई? प्रकृति ने। हमारे लिये हिन्दी प्रकृतिसिद्ध है। - पं. गिरिधर शर्मा
 
हिन्दी भाषा उस समुद्र जलराशि की तरह है जिसमें अनेक नदियाँ मिली हों। - वासुदेवशरण अग्रवाल
 
भाषा देश की एकता का प्रधान साधन है। - (आचार्य) चतुरसेन शास्त्री
 
क्रांतदर्शी होने के कारण ऋषि दयानंद ने देशोन्नति के लिए हिन्दी भाषा को अपनाया था। - विष्णुदेव पौद्दार
 
सच्चा राष्ट्रीय साहित्य, राष्ट्रभाषा से उत्पन्न होता है। - वाल्टर चेनिंग
 
हिन्दी के पौधे को हिन्दू-मुसलमान दोनों ने सींचकर बड़ा किया है। - जहूरबख्श
 
अंग्रेजी का पद चिरस्थायी करना देश के लिए लज्जा की बात है - संपूर्णानंद
 
हिन्दी राष्ट्रभाषा है, इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को, प्रत्येक भारतवासी को इसे सीखना चाहिए। - रविशंकर शुक्ल
 
हिन्दी प्रांतीय भाषा नहीं बल्कि वह अंत:प्रांतीय राष्ट्रीय भाषा है। - छविनाथ पांडेय
 
विश्व की कोई भी लिपि अपने वर्तमान रूप में नागरी लिपि के समान नहीं। - चंद्रबली पांडेय
 
जिस राष्ट्र की जो भाषा है उसे हटाकर दूसरे देश की भाषा को सारी जनता पर नहीं थोपा जा सकता - वासुदेवशरण अग्रवाल
 
तुलसी, कबीर, नानक ने जो लिखा है, उसे मैं पढ़ता हूँ तो कोई मुश्किल नहीं आती। - मौलाना मुहम्मद अली
 
भाषा का निर्माण सेक्रेटरियट में नहीं होता, भाषा गढ़ी जाती है जनता की जिह्वा पर, जनता के दिल में। - रामवृक्ष बेनीपुरी
 
हिन्दी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो सभी प्रांतों की भाषा हो सकती है। - पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार
 
जब हम हिन्दी की चर्चा करते हैं तो वह हिन्दी संस्कृति का एक प्रतीक होती है। - शांतानंद नाथ
 
राष्ट्रभाषा राष्ट्रीयता का मुख्य अंश है। - श्रीमती सौ. चि. रमणम्मा देव
 
बानी हिन्दी भाषन की महरानी, चंद्र, सूर, तुलसी से जामें भए सुकवि लासानी। - पं. जगन्नाथ चतुर्वेदी
 
जय जय राष्ट्रभाषा जननि। जयति जय जय गुण उजागर राष्ट्रमंगलकरनि। - देवी प्रसाद गुप्त
 
हिन्दी हमारी भारतीय संस्कृति की वाणी ही तो है। - शांतानंद नाथ
 
विज्ञान के बहुत से अंगों का मूल हमारे पुरातन साहित्य में निहित है और हमारा श्रेष्ठतम साहित्य हिन्दी में सुरक्षित है।  - पं. सूर्यनारायण व्यास
 
कोई कौम हिन्दी जबान के बगैर अच्छी तालीम नहीं हासिल कर सकती। - सैयद अमीर अली मीर
 
हमारी राष्ट्रभाषा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीयता का निर्माण है। - चंद्रबली पांडेय
 
जिस भाषा से स्वाभिमान की वृत्ति जाग्रत नहीं होती वह भाषा किसी काम की नहीं। - माधवराव सप्रे
 
मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे
 
हिन्दी विश्व की महानतम भाषा है। - राहुल सांकृत्यायन
 
राष्ट्रीय एकता के लिए एक भाषा से कहीं बढ़कर आवश्यक एक लिपि का प्रचार होना है। - ब्रजनंदन सहाय
 
जिस प्रकार बंगाल भाषा के द्वारा बंगाल में एकता का पौधा प्रफुल्लित हुआ है उसी प्रकार हिन्दी भाषा के साधारण भाषा होने से समस्त भारतवासियों में एकता तरु की कलियाँ अवश्य ही खिलेंगी। - शारदाचरण मित्र
 
विदेशी भाषा का अनुकरण न किया जाय। - भीमसेन शर्मा
 
हिन्दी भाषा ही सर्वसाधारण की भाषा होने के उपयुक्त है। - शारदाचरण मित्र
 
जापानियों ने जिस ढंग से विदेशी भाषाएँ सीखकर अपनी मातृभाषा को उन्नति के शिखर पर पहुँचाया है उसी प्रकार हमें भी मातृभाषा का भक्त होना चाहिए। - श्यामसुंदर दास
 
 
मनुष्य सदा अपनी मातृभाषा में ही विचार करता है। इसलिए अपनी भाषा सीखने में जो सुगमता होती है दूसरी भाषा में हमको वह सुगमता नहीं हो सकती। - डॉ. मुकुन्दस्वरूप वर्मा
 
आप जिस तरह बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह लिखा भी कीजिए। भाषा बनावटी न होनी चाहिए। - महावीर प्रसाद द्विवेदी
 
भाषा ही राष्ट्र का जीवन है। - पुरुषोत्तमदास टंडन
 
देह प्राण का ज्यों घनिष्ट संबंध अधिकतर। है तिससे भी अधिक देशभाषा का गुरुतर। - माधव शुक्ल
 
 
हिन्दी जैसी सरल भाषा दूसरी नहीं है। - मौलाना हसरत मोहानी
 
हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। - स्वामी दयानंद
 
जीवित भाषा बहती नदी है जिसकी धारा नित्य एक ही मार्ग से प्रवाहित नहीं होती। - बाबूराव विष्णु पराड़कर
 
हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है। - मैथिलीशरण गुप्त
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