हिन्दी भाषा पर महात्मा गांधी के विचार

Webdunia
हिन्दी के प्रति महात्मा गांधी का प्रेम बड़ा गहरा था। आइए जानते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हिन्दी के प्रति विचार... 
 
राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। 
 
हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और हिन्दी हृदय की भाषा है। 
 
हिंदुस्तान के लिए देवनागरी लिपि का ही व्यवहार होना चाहिए, रोमन लिपि का व्यवहार यहां हो ही नहीं सकता। 
 
हिन्दी भाषा के लिए मेरा प्रेम सब हिन्दी प्रेमी जानते हैं। 
 
हिन्दी भाषा का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है। 
 
अखिल भारत के परस्पर व्यवहार के लिए ऐसी भाषा की आवश्यकता है जिसे जनता का अधिकतम भाग पहले से ही जानता-समझता है। और हिन्दी इस दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ है। 
 
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है। 
 
ALSO READ: हिन्दी पर देश-विदेश के 20 महापुरुषों के विचार

देखें वीडियो

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

पांच जून को 53 साल के होंगे सीएम योगी, इस बार बेहद खास होगा उनका जन्मदिन

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज

ऑपरेशन सिन्दूर पर निबंध: आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग संकल्प, देश के माथे पर जीत का तिलक

श्रीमती मालती जोशी की स्मृति में दो दिवसीय साहित्य का आयोजन

कच्चे दूध के साथ इस चीज को मिलाकर तैयार करें फेस पैक, पार्लर से बेहतर मिलेंगे रिजल्ट

अगला लेख