होली पर पढ़ें आदर्श हिन्दी निबंध

Webdunia
होली मस्ती भरा रंगबिरंगा त्योहार है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं।


 
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।



यह भी पढ़ें... 

होली की चटपटी शायरी : हैप्पी होली

 
होली का रंग छुड़ाने के 7 आसान तरीके
 
होली खेलने से पहलें जान लें, 8 काम की बातें
 

 
 

भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।


 
प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।


 
यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है। इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं।

सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व अपने पास-पड़ोस में आपस में बांटती हैं। कई लोग होली की टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं।


 
ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।
 
आजकल अच्छी क्वॉलिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंग खेले जाते हैं। यह सरासर गलत है। इस मनभावन त्योहार पर रासायनिक लेप व नशे आदि से दूर रहना चाहिए। बच्चों को भी सावधानी रखनी चाहिए। बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही होली खेलना चाहिए। दूर से गुब्बारे फेंकने से आंखों में घाव भी हो सकता है। रंगों को भी आंखों और अन्य अंदरूनी अंगों में जाने से रोकना चाहिए। यह मस्ती भरा पर्व मिलजुल कर मनाना चाहिए। 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

बिन बालों की ब्राइड निहार सचदेव का बोल्ड एंड ब्यूटीफुल लुक, ताने मारने वालों को ऐसे दिया करारा जवाब

अपने बच्चों को सरल और आसान भाषा में समझाएं गुड टच और बेड टच, इन टिप्स की लें मदद

जल्दी करना है वेट लॉस तो फॉलो करें ये मैजिक रूल्स, रिजल्ट देखकर लोग करेंगे तारीफ

सर्दियों में इन 5 बीमारियों में बहुत फायदेमंद है संतरे का जूस, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

लाइफ को स्ट्रेस फ्री बनाते हैं ये ईजी टिप्स, रूटीन में करें शामिल

सभी देखें

नवीनतम

तेजी से वजन घटाने में बहुत कारगर है तेजपत्ता, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

टेडी डे पर करें अपने पार्टनर को सरप्राइज, भेजें ये रोमांटिक Teddy Day Messages

फोकस बढ़ाने के लिए पीते रहिए पानी: जानिए कैसे पानी पीने से बढ़ती है एकाग्रता

क्यों डांस करते-करते हो रहे हैं हार्ट फेल, डॉक्टर से समझिए कारण और बचाव के तरीके

वैलेंटाइन डे पर अगर पार्टनर के साथ कोई बेवजह करे परेशान, तो जान लें अपने अधिकार