हिन्दी निबंध : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

स्मृति आदित्य
वर्तमान में हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी है। उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ है। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। वे स्वतंत्र भारत के 15वें प्रधानमंत्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं।
 
उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत हासिल की।
 
इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14 वें मुख्यमंत्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।
 
टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया था।
 
अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएं लिखते हैं।
 
जीवन परिचय : नरेन्द्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे राज्य के महेसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यम-वर्गीय शाकाहारी परिवार में 17 सितंबर 1950 को हुआ।
 
भारत-पाकिस्तान के बीच द्वितीय युद्ध के दौरान  किशोरावस्था में उन्होंने स्वेच्छा से रेलवे स्टेशनों पर सफ़र कर रहे सैनिकों की सेवा की। युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी नवनिर्माण आन्दोलन में हिस्सा लिया। एक पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के पश्चात् उन्हें भारतीय जनता पार्टी में संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया। किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और मास्टर डिग्री प्राप्त की।
 
अपने माता-पिता की कुल छ: संतानों में तीसरे पुत्र नरेन्द्र ने बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता का हाथ बंटाया। वडनगर के ही एक स्कूल मास्टर के अनुसार नरेन्द्र हालांकि एक औसत दर्ज़े का छात्र था, लेकिन वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओं में उसकी बेहद रुचि थी। इसके अलावा उसकी रुचि राजनीतिक विषयों पर नयी-नयी परियोजनाएं प्रारम्भ करने की भी थी।
 
13 वर्ष की आयु में नरेन्द्र की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गई और जब उनका विवाह हुआ, वह मात्र 17 वर्ष के थे। उनकी शादी जरूर हुई परंतु वे दोनों एक साथ कभी नहीं रहे। शादी के कुछ बरसों बाद नरेन्द्र मोदी ने घर त्याग दिया। 
 
राजनीतिक जीवन : नरेन्द्र जब विश्वविद्यालय के छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ। उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलाई और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाई। गुजरात में शंकरसिंह वाघेला का जनाधार मजबूत बनाने में नरेन्द्र मोदी की ही रणनीति थी।
 
अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिलीजुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लाई, जब गुजरात में 1 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनाएं और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख सारथी की भूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथयात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई। इसके बाद शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया।
 
1995 में राष्ट्रीय मंत्री के नाते उन्हें 5 प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 1998  में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।
 
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में : नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिए समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं। उनके व्यक्तिगत स्टाफ में केवल तीन ही लोग रहते हैं, कोई भारी-भरकम अमला नहीं होता। लेकिन कर्मयोगी की तरह जीवन जीने वाले मोदी के स्वभाव से सभी परिचित हैं इस नाते उन्हें अपने कामकाज को अमली जामा पहनाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती।
 
वे एक लोकप्रिय वक्ता हैं, जिन्हें सुनने के लिये बहुत भारी संख्या में श्रोता आज भी पहुंचते हैं। कुर्ता-पायजामा व सदरी के अतिरिक्त वे कभी-कभार सूट भी पहन लेते हैं। अपनी मातृभाषा गुजराती के अतिरिक्त वह राष्ट्रभाषा हिन्दी में ही बोलते हैं।
 
मोदी के नेतृत्व में 2012  में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। भाजपा को इस बार 115 सीटें मिलीं।
 
गुजरात विकास संबंधी गतिविधियां : मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारम्भ कीं व उन्हें क्रियान्वित कराया, संक्षेप  में-   
 
* पंचामृत योजना
* सुजलाम् सुफलाम् 
* कृषि महोत्सव 
* चिरंजीवी योजना 
* मातृ-वंदना 
* बेटी बचाओ 
* ज्योतिग्राम योजना 
* कर्मयोगी अभियान 
* कन्या कलावाणी योजना 
* बालभोग योजना 
* वनबन्धु विकास कार्यक्रम
 
उपरोक्त विकास योजनाओं के अतिरिक्त मोदी ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्र के विकास हेतु गुजरात राज्य में वएक अन्य 10 सूत्री कार्यक्रम भी चला रखा है जिसके सभी 10 सूत्र इस प्रकार है- 
 
* 5 लाख परिवारों को रोजगार, 
*-उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता, 
* आर्थिक विकास, 
* स्वास्थ्य, 
* आवास, 
* साफ स्वच्छ पेय जल, 
* सिंचाई, 
* समग्र विद्युतीकरण, 
* हर मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता और 
* शहरी विकास।
 
आतंकवाद पर मोदी के विचार : आतंकवाद युद्ध से भी बदतर है। एक आतंकवादी के कोई नियम नहीं होते। एक आतंकवादी तय करता है कि कब, कैसे, कहां और किसको मारना है। भारत ने युद्धों की तुलना में आतंकी हमलों में अधिक लोगों को खोया है।
 
लोकसभा चुनाव 2014 और मोदी : एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए।
 
न्यूज एजेंसीज व पत्रिकाओं द्वारा किए गए तीन प्रमुख सर्वेक्षणों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए  जनता की पहली पसंद बताया था। 
 
पार्टी की ओर से पीएम प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। इस दौरान तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियां, 3-डी सभाएं व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 कार्यक्रम किए। चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने 26 मार्च 2014 को मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और समापन मंगल पाण्डे की जन्मभूमि बलिया में किया। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की।
 
चुनाव में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा वहीं अकेले भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई और उसके गठबंधन को केवल 59 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। नरेन्द्र मोदी स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन्  2001 से 2014 तक लगभग 13 साल गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री रहे और हिन्दुस्तान के 15वें प्रधानमंत्री बने।
 
20 मई 2014 को संसद भवन में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित भाजपा संसदीय दल एवं सहयोगी दलों की एक संयुक्त बैठक में जब लोग प्रवेश कर रहे थे तो नरेन्द्र मोदी ने प्रवेश करने से पूर्व संसद भवन को ठीक वैसे ही जमीन पर झुककर प्रणाम किया जैसे किसी पवित्र मन्दिर में प्रणाम करते हैं। संसद भवन के इतिहास में उन्होंने ऐसा करके समस्त सांसदों के लिए उदाहरण पेश किया।
 
बैठक में नरेन्द्र मोदी को सर्वसम्मति से न केवल भाजपा संसदीय दल अपितु एनडीए का भी नेता चुना गया। राष्ट्रपति ने नरेन्द्र मोदी को भारत का 15वां प्रधानमंत्री  नियुक्त करते हुए इस आशय का विधिवत पत्र सौंपा। नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इन दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं के लिए चर्चित हैं लेकिन विदेशों में उनके आगमन पर खासा उत्साह नजर आता है।
 
अपनी मां के प्रति विशेष स्नेह और आदर के लिए भी वह जाने जाते हैं। उनका स्वच्छता अभियान देश भर में पसंद किया गया।
 
सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता खासी लोकप्रिय है। उनकी जीवनशैली अक्सर चर्चा में रहती है। कभी महंगे कोट, कुर्ते, घड़ी के लिए तो कभी विदेशों में लोक संगीत का मजा लेने के लिए।
 
कभी अपने लिए बने मंदिर के लिए तो कभी प्रशंसकों के साथ लिए'सेल्फी' के लिए। प्रधानमंत्री मोदी हर काम लीक से हटकर करते हैं इसीलिए जनता के बीच उनकी छबि एक कुशल नेता की है।

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