Operation Sindoor पर भाषण: सिन्दूर का बदला खून, अदम्य साहस और अटूट संकल्प की महागाथा

WD Feature Desk
शनिवार, 24 मई 2025 (16:29 IST)
speech on operation sindoor in hindi: नमस्कार,  आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सभागार में मौजूद मेरे गुरुजन और सम्मानीय वरिष्ठजन। आज मैं आपके समक्ष एक ऐसे विषय पर आपने विचार प्रस्तुत करने आया हूँ, जो हमारे राष्ट्र की सुरक्षा, दृढ़ संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति को दर्शाता है। यह विषय है "ऑपरेशन सिन्दूर"। एक ऐसा ऑपरेशन जिसने न केवल हमारे दुश्मनों को करारा जवाब दिया, बल्कि पूरी दुनिया को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

पहलगाम हमला: जब मानवता रो पड़ी
यह कहानी शुरू होती है 22 अप्रैल, 2025 को, जब धरती के स्वर्ग कश्मीर के पहलगाम में एक अमानवीय आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जिनमें कई नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे। 26 बेगुनाह लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद हमारे नागरिकों पर सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था। आतंकवादियों ने इस बर्बरता को अंजाम देकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि वे भारत में अराजकता फैला सकते हैं, कि वे हमारे शांत पर्यटन स्थलों को भी रक्तपात से रंग सकते हैं। लेकिन उन्हें शायद यह नहीं पता था कि यह नया भारत है, जो अपने घावों को भरने के साथ-साथ बदला लेने की क्षमता भी रखता है, और अपने दुश्मनों को उनकी ही भाषा में जवाब देता है।

ऑपरेशन सिन्दूर: प्रतिशोध की अग्नि
पहलगाम हमले के बाद, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस हमले के दोषियों को बिना सजा के नहीं छोड़ा जाएगा। भारत के रक्षा मंत्रालय और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने मिलकर एक सुनियोजित और सटीक जवाबी कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की, जिसे नाम दिया गया "ऑपरेशन सिन्दूर"। यह नाम उन नवविवाहिताओं को ध्यान में रख कर चुना गया था जिनका सिन्दूर आतंकियों ने उजाड़ा था, जो बताता है कि भारत अपने हर बलिदान को याद रखता है।

7 मई, 2025 को, पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद, भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' लॉन्च किया। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त ताकत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित उन आतंकवादी ढांचों को सटीकता से निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया, जहाँ से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई और संचालित की जा रही थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविर शामिल थे। 

यह कार्रवाई सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक संदेश था। यह दर्शाता है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव आया है: भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा, और आतंकवादियों के साथ-साथ उनके राष्ट्रीय प्रायोजकों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

ऑपरेशन सिन्दूर के हीरो: रणनीतिकार और शूरवीर
'ऑपरेशन सिन्दूर' की सफलता के पीछे कई दूरदर्शी रणनीतिकारों और निडर शूरवीरों का हाथ था। हालांकि सेना अपने अभियानों में शामिल व्यक्तिगत सैनिकों के नाम गोपनीय रखती है, फिर भी कुछ प्रमुख हस्तियों के योगदान को स्वीकार किया जा सकता है जिन्होंने इस ऑपरेशन की स्क्रिप्ट लिखी:
 
आतंकवाद के खिलाफ भारत का अटल संदेश
'ऑपरेशन सिन्दूर' के माध्यम से भारत ने आतंकवाद और उसे पनाह देने वालों को एक बहुत ही स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया:
'ऑपरेशन सिन्दूर' भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह न केवल हमारी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि हमारे नैतिक साहस और अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था। इसने यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है, और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि आतंकवाद और उसे पनाह देने वाले पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाते।
इस ऑपरेशन ने हमें यह भी सिखाया कि सामूहिक संकल्प और अथक प्रयासों से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। यह उन बहादुर सैनिकों और रणनीतिकारों को एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और हमें एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद दी।
जय हिंद! जय भारत!

 

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